यूपी मानसून सत्र: मणिपुर हिंसा को लेकर सीएम योगी पर अखिलेश का तंज, बोले- मैं उनकी मजबूरी समझ सकता हूं…हम समर्थन करेंगे

Lucknow UP

(www.arya-tv.com) यूपी में सोमवार से विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। सपा नेताओं ने मणिपुर हिंसा को लेकर यूपी विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। इसे लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई जघन्य घटना पर पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। हम आप अमेरिका-यूरोप निवेश लाने के लिए गए। वहां पर इसकी चर्चा हो रही है। अब इसकी चर्चा यूपी विधानसभा में भी करवाई जाए। उन्होंने मांग की कि मणिपुर हिंसा पर यूपी विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाया जाए और नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बयान देना चाहिए।

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज सकते हुए कहा कि वो भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। मैं उनकी मजबूरी समझ सकता हूं। मणिपुर हिंसा पर बोलकर वो देश की आवाज बन जाएं। हम भी उनका समर्थन करेंगे। इस पर सदन में हंगामा होने लगा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने स्थिति को संभालते हुए कहा कि हम दूसरे राज्यों की यहां पर चर्चा नहीं कर सकते। नहीं तो कल कोई कहेगा कि बंगाल में हिंसा की या केरल की किसी घटना पर चर्चा हो। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों से अपने क्षेत्रों से जुड़े सवालों को उठाने की अपील की।

यूपी विधानमंडल सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश के समग्र विकास एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए हम विधानमंडल की कार्रवाई में स्वस्थ चर्चा के लिए तैयार हैं। इसके लिए सर्वदलीय नेताओं की बैठक में सरकार की ओर से सार्थक चर्चा के लिए आवाह्न किया गया। साथ ही सरकार सभी दलों के सदस्यों के उनके सवालों के जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

उन्होंने कहा कि सदन आम जनमानस से जुड़ी समस्याओं को रखने एवं इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का महत्वपूर्ण मंच है। ऐसे में सदन में एक स्वस्थ चर्चा के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। ऐसे में सदन को सार्थक चर्चा का विषय बनाना चाहिये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश ने पिछले 6 वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है।

इन 6 वर्षों के दौरान प्रदेश के परसेप्शन को बदलकर नौजवानों, नागरिकों के सामने कुत्सित राजनीति के कारणों से जो उनके सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था, उस पहचान के संकट से मुक्त करते हुए प्रदेश को देश के एक प्रमुख राज्य के रूप में स्थापित करने में पूरी सफलता प्राप्त हुई है। एक तरफ जहां इसे आगे बढ़ाने में सफलता प्राप्त हुई है, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के साथ प्रति व्यक्ति आय को भी दोगुना करने में सफलता प्राप्त हुई है।