(www.arya-tv.com) University Exams : कोरोना वायरस संकट के बीच विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर चल रही कसमकस के बीच केंद्रीय एचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने कहा कि उनका मकसद छात्रों के भविष्य पर कोरोना का ठप्पा लगाने से बचाना है। यह उनके भविष्य का सवाल है।
पूछने पर कि कुछ राज्य फाइनल ईयर परीक्षाओं का विरोध कर रहे हैं तो इस पर उनकी क्या राय है? इस पर निशंक ने कहा कि फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था जिसमें कई शिक्षाविदों और एक्पर्ट को रखा गया था। इसी टाक्स फोर्स के दिशा-निर्देशों पर यूजीसी ने गाइडलाइन्स जारी की थी यहां तक कि लोगों के आग्रह पर यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइन्स जारी की। निशंक ने कहा कि यूजीसी के इस फैसले पर देश के 90 फीसदी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सहमति जताई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी पैरेंट्स और संस्थान नहीं चाहेगा कि छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही पास कर दिया। यह छात्रों के लिए जरूरी है। यदि छात्रों को आज फाइनल ईयर में भी बिना परीक्षाओं के पास किया जाता है तो कहीं भी वह जब भविष्य में नौकरी के लिए जाएंगे तो लोग उनकी मार्कशीट देखकर कह सकते हैं कि ये तो कोरोना काल वाले हैं, बिना परीक्षा पास होने वाले। इसलिए वह नहीं चाहते कि किसी भी छात्र के भविष्य पर कोरोना काल का ठप्पा लगे।
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं को टालने या आगे बढ़ाने की बात तो समझ में आती है लेकिन परीक्षाओं को रद्द करने का कोई तुक या कारण नहीं है। यानी परीक्षाएं हर हाल में आयोजित कराई जाएंगी।आपको बता दें कि 6 जुलाई को यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइन्स जारी कीं थीं जिनके तहत सितंबर 2020 अंत तक फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी।
यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइन्स की खास बातें-
(UGC Revised Guidelines:)-
- – टर्मिनल सेमेस्टर/फाइनल ईयर की परीक्षाएं सितंबर 2020 के अंत तक आयोजित कराई जाएंगी। यह परीक्षाएं संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार, ऑनलाइन या ऑपलाइन मोड से करा सकते हैं।
- -फाइनल ईयर/सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन ऑफ लाइन/ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर ही किया जाना चाहिए।
- – कोई भी छात्र/छात्रा फाइनल ईयर परीक्षा में भाग नहीं ले पाते तो उन्हें विश्वविद्यालय या संबंधित संस्थान द्वारा आयोजित कराई जाने वाली विशेष परीक्षा में भाग लेने का मौका दिया जाए। यह स्पेशल परीक्षा विश्वविद्यालय जब उचित समझे तब करा सकता है। लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ एकेडमिक ईयर 2019-20 के लिए ही मान्य होगी।
- – बाकी परीक्षाएं जैसे, बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष/प्रथम सेमेस्ट या द्वितीय सेमेस्टर के लिए 29 अप्रैल 2020 को यूजीसी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स ही मान्य होंगी।