बैंकों ने न्यूनतम राशि न होने से बंद कर दिए छात्रों के खाते

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(www.arya-tv.com) सरकार की किताबों और यूनिफार्म के एवज में सीधे छात्रों के बैंक  खाते में पैसे जमा कराने की योजना में पेंच फंस गया है। बैंकों ने पौड़ी,  रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून में कई ब्लॉकों में मिनिमम बैंलेंस और कम लेन-देन के नाम पर छात्रों के खाते बंद कर दिए हैं। समस्या यह है कि एक बार खाता बंद होने के बाद उसे फिर चालू कराना काफी मुश्किल है। दूसरा, खाता बंद होने पर उसमें किताब  और यूनिफार्म के एवज में छात्रों  को मिलने वाला पैसा जमा नहीं  हो पाएगा। इसलिए बंद हो रहे खाते : शिक्षा विभाग ने अभियान चलाकर छात्रों के खाते तो जरूर खुलवा दिए पर उन्हें बैंक खाते को जारी रखने की जानकारी नहीं दी। साथ ही छात्रों के खाते में कभी भी समय पर पैसे जमा नहीं करवाए। लीड बैंक अधिकारी संजय भाटिया के अनुसार, जीरो बैलेंस खाते में महीने में कम से कम एक बार लेनदेन करना जरूरी है। भले ही यह दस-बीस रुपये का ही क्यों न हो। यदि इस खाते में छह महीने तक लेनदेन नहीं होता तो बैंक उस पर रोक लगा देता है।

छात्र मुश्किल में और निदेशालय बेखबर
प्रदेश के हजारों छात्रों के बैंक खाते बंद हो चुके हैं और शिक्षा निदेशालय को इसकी खबर तक नहीं है। ब्लॉक और जिलास्तर से शिक्षा निदेशालय को इसकी सूचना तक नहीं दी जा रही है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय में इस मामले को लेकर पड़ताल की तो सामने आया कि अधिकारियों की इसकी जानकारी तक नहीं थी। अपर निदेशक-बेसिक वीएस रावत ने भी इस मामले से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि छात्रों के बैंक खाते बंद होना बेहद चिंताजनक है। सभी जिलों से इसकी रिपोर्ट मंगवाई जाएगी और समाधान का प्रयास भी किया जाएगा।

डीबीटी योजना ने बढ़ाई परेशानी
सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना पारदर्शिता और सुविधा के लिए लागू की थी पर अब यही समस्या बन गई है। पहले शिक्षा विभाग शैक्षिक सत्र शुरू होने पर देर-सबेर एससीईआरटी से किताबें छपवाकर स्कूलों तक पहुंचाता था। अब खाते में पैसा जमा होने की वजह से छात्रों को बाजार से किताबें खरीदनी पड़ती हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में जहां बाजार और बैंक मीलों दूर होते हैं, किताबें खरीदने और पैसे निकालने के लिए बार-बार आना-जाना काफी कठिन हो जाता है। दूसरी बड़ी समस्या यह भी है कि बाजार में समय पर किताब भी उपलब्ध नहीं होती हैं।