UNHRC बैठक में पाक मंत्री कुरैशी ने कश्मीर को माना भारतीय राज्य

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जेनेवा स्थित यूएनएचआरसी में कश्मीर आधारित सेशन में भारत और पाकिस्तान दोनों अपने दावे पेश किए। यूएन, आईओसी सहित कई मंचों पर पकिस्तान को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है। उसका साथ सिर्फ चीन ही दे रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दोपहर तीन बजे अपने देश का पक्ष रखा, वहीं भारत ने शाम सात बजे अपना पक्ष रखा।

वहीं, यूएनएचआरसी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आखिरकार जम्मू-कश्मीर को ‘भारतीय राज्य’ के तौर पर स्वीकारा। जबकि अब तक पाकिस्तान आधिकारिक वक्तव्यों में जम्मू-कश्मीर को ‘भारत प्रशासित कश्मीर’ कहता रहा है।

पाकिस्तान की तरफ से उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कुछ इस तरह ‘नापाक’ सवालों को उठाया
1. बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक बार फिर मानवाधिकार उल्लंघन का रोना रोया और कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला नहीं है। संयुक्त राष्ट्र को इसमें दखल देना चाहिए।

2. कुरैशी ने कहा कि भारत ने अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद कश्मीर को सबसे बड़े ‘कैदखाने’ में तब्दील कर दिया है और मानवाधिकारों को कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में छह हजार से ज्यादा नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।

3. बैठक को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि शीर्ष मानवाधिकार निकाय को मुद्दे को लेकर अपनी उदासीनता से विश्व मंच पर शर्मसार नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएनएचआरसी को भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद कश्मीर की स्थिति के प्रति तटस्थ भाव नहीं अपनाना चाहिए।

4. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर के लोगों के लिए न्याय और सम्मान की खातिर मानवाधिकार पर विश्व की अंतरात्मा के महत्वपूर्ण स्थल मानवाधिकार परिषद का दरवाजा खटखटाया है। हमें इस प्रतिष्ठित संस्था को वैश्विक मंच पर लज्जित नहीं होने देना चाहिए। इस परिषद का संस्थापक सदस्य होने के नाते पाकिस्तान ऐसा होने से रोकने के लिए नैतिक रूप से बाध्य है।

भारत की तरफ से विदेश सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह पाकिस्तान के इन ‘नापाक’ सवालों का कुछ इस तरह जवाब दिया
1. शाह महमूद कुरैशी के कश्मीर को आंतरिक मामला नहीं मानने को लेकर विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है। कश्मीर भारत का पूरी तरह से आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि हमें आशंका है कि कश्मीर में सीमापार से आतंकी हमला हो सकता है।

2. कुरैशी के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के सवाल को लेकर ठाकुर ने मुहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय के लिए इस कदम को उठाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में लागू किए गए कानूनी उपायों के परिणामस्वरूप राज्य में लिंगभेद समाप्त होगा, किशोर अधिकारों की रक्षा बेहतर तरीके से की जा सकेगी और शिक्षा, सूचना और कार्य के अधिकार लागू किए जा सकेंगे।

3. पाकिस्तानी मंत्री के यूएनएचआरसी के तटस्थ होने को लेकर विदेश सचिव ने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए केवल झूठी बातें की हैं। दुनिया जानती है कि यह मनगढ़ंत कहानियां वैश्विक आतंकवाद के केंद्र से आती हैं, जहां आतंक के सरगनाओं को सालों से पनाह मिलती रही है।

4. पाकिस्तनी विदेश मंत्री के कश्मीर के लोगों के लिए न्याय और सम्मान की बात को लेकर विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि यह संप्रभु निर्णय, संसद द्वारा पारित अन्य कानूनों की तरह, भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है। हमारे इस निर्णय से राज्य में न्याय की एक समान व्यवस्था लागू होगी और साथ ही सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा बेहतर ढ़ंग से की जा सकेगी।