बस किराया बढ़ाकर समिट का खर्च जनता से निकालना चाहती है बीजेपी-अखिलेश

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर यूपी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, “बीजेपी ग्लोबल समिट कर रही है। एक तरफ खूब खर्चा हो रहा है। दूसरी तरफ रोडवेज का सफर, दूध समेत बाकी चीजों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। क्या बीजेपी समिट का खर्च जनता की जेब से निकालना चाहती है?

‘बच्चों के दूध में कटौती हो गई’

उन्होंने कहा है, “बीजेपी सरकार ने दूध के दाम बढ़ाए। बस-ऑटो का किराया बढ़ाया। पहले अमूल ने अपने दूध उत्पादों के दाम बढ़ाए। फिर पराग ने भी दाम बढ़ा दिए। इससे बच्चों के दूध में कटौती होगी। बीजेपी सरकार में सफर भी मंहगा हो गया है। सामान्य बसों का किराया प्रति किलोमीटर 25 पैसे बढ़ाए गए हैं। अब लोगों को प्रति किलोमीटर 1 रुपए 30 पैसे प्रति यात्री प्रति किमी की बढ़ोतरी हो गई है।”

लोग गृहस्थी कैसे चलाए, यह सोचना पड़ रहा
सपा प्रमुख ने कहा, “बजट के साथ भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जनता पर मंहगाई की मार पड़ना शुरू हो गई हैं। लोग त्राहि-त्राहि करने लगे हैं। लोग कैसे अपनी गृहस्थी चलाएं और कैसे जीवनयापन करें? ये सवाल अब सभी को परेशान कर रहा है। जनता को अब पूरा विश्वास हो चला है कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों वाले घरानों की संरक्षक सरकार है। पूंजीपति मित्रों को लम्बे-लम्बे कर्ज देने वाली सरकार है। उससे देश की अर्थव्यवस्था भले ही बने या बिगड़े।”

हर साल बढ़ा रही रोडवेज का किराया
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “रोडवेज बसों के साथ ही लखनऊ शहर में ऑटो का किराया भी बढ़ गया है। अब यात्रियों को प्रति किलोमीटर के लिए लगभग 10.58 रूपए किराया देना होगा। रोडवेज का किराया वर्ष 2012 से 2014 तक प्रतिवर्ष और फिर वर्ष 2016-2017 तथा 2020 और 2023 में बढ़ाया गया। इस तरह हर साल किराया बढ़ रहा।”

अखिलेश ने कहा, “भाजपा सरकार का जो हाल में केन्द्रीय बजट पेश हुआ, उसमें मंहगाई रोकने का कोई उपाय नज़र नहीं आ रहा है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में कहीं कमी नहीं हुई। खाद्यान्न के दामों में बढ़ोतरी से आम जनता क्या खाए क्या बचाएं? जन-साधारण की चिंताओं और परेशानियों पर भाजपा सरकार ने आंख मूंद रखी है।”

एक महीने में दूसरी बार शिवपाल से मिले अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार शाम शिवपाल यादव के घर पहुंचे। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक कई विषयों पर चर्चा हुई। इसके पहले 15 जनवरी को दोनों की मुलाकात हुई थी। आज इस बात पर चर्चा हुई कि पार्टी संगठन में शिवपाल के करीबियों को क्या जिम्मेदारी देनी है? किसे शामिल करना है? इसके अलावा बैठक में शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को जिम्मेदारी देने पर भी मंथन हुआ।