4 महीने बाद लौटी शेयर मार्केट की रौनक, 900 उछला सेंसेक्स; लगी 4.63 लाख करोड़ रुपये की बंपर लॉटरी

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 घरेलू शेयर बाजार सोमवार को हरे निशान के साथ खुला. लगातार छठे सत्र में कारोबार में तेजी देखने को मिली. इस दौरान बैंकिंग और IT कंपनियों के शेयरों में अच्छी तेजी आई. विदेशी निवेश भी भारतीय शेयर बाजार में जमकर पैसा लगा रहे हैं. बाजार में निवेशकों में उम्मीद बढ़ती जा रही है कि भारतीय शेयर के अच्छे दिन आने वाले हैं.

11:01 बजे BSE सेंसेक्स 919 अंक या 1.19 परसेंट की बढ़त के साथ 77,823 पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स भी 264 अंक या  1.13 परसेंट बढ़कर 23,615 लेवल पर कारोबार कर रहा है. शेयर मार्केट में आई इस तेजी के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल कैपिटलाइजेशन बढ़कर 4.63 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 417.93 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

जमकर पैसा ला रहे विदेशी निवेशक

शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने  कैश मार्केट में 7,500 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले. यह बीते चार महीने में एक दिन में किया गया सबसे बड़ा निवेश था. सितंबर 2024 के आखिर से विदेशी निवेशक शेयर मार्केट में लगातार बिकवाली कर रहे हैं. इस दौरान विदेशी निवेशकों ने लगभग 29 अरब डॉलर भारतीय शेयरों से निकाल लिए.

क्यों शेयर बाजार की लौटी रौनक?

अब सवाल यह आता है कि भारतीय शेयर बाजार में अचानक आई इस तेजी के पीछे क्या वजह है? द मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर मार्केट के जानकारों का कहना है कि पिछले हफ्ते यूएस फेड की बैठक के बाद RBI के ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं, घरेलू और विदेशी निवेशकों दोनों की खरीद, मॉर्गन स्टेनली का भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर लगाए गए अनुमानों के बीच शेयर मार्केट में तेजी आई है.

प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरखकर ने द मिंट से बात करते हुए कहा, आर्थिक सुधार के संकेत अब दिखाई देने लगे हैं. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने अगले दो वित्तीय वर्षों – FY26 और FY27 में पूंजीगत खर्च में तेजी की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी 2024 की दूसरी तिमाही में 5.4 तक गिर गई थी, जबकि वित्त वर्ष 2024-2025 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2 परसेंट रही. अब 2025 की चौथी तिमाही में भी बेहतर परिणामों का अनुमान लगाया जा रहा है. शेयर मार्केट में आई तेजी के पीछे यह भी एक बहुत बड़ी वजह है.