(www.arya-tv.com) किसी भी लोकतांत्रिक देश में प्रेस की आजादी का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से है। यूं कहा जाए कि यह दोनों एक दूसरे के पूरक है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। किसी देश में प्रेस की स्वतंत्रता का मुल्यांकन का यही आधार भी है। किसी देश में प्रेस की आजादी का पैमाना उक्त देश के नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से लगाया जाता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का मतलब दुनिया में प्रेस की आजादी के प्रति जागरूकता फैलाना है। नए प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में चार स्कैंडेनेवियाई देशों को पत्रकारों के लिए सबसे बेहतर माना गया है। जानिए रिपोर्टस विदाउट बार्डर्स के इंडेक्स में कौन कहां है। क्या है रिपोर्टस विदाउट बार्डर्स के इंडेक्स।
चीन में प्रेस आजादी के क्या है मायने
1- चीन में मीडिया की आजादी बहुत तेजी से घटती जा रही है। विदेशी पत्रकारों के एक समूह फारेन कारेस्पन्डेंट क्लब (एफसीसी) की ओर से जारी रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। एफसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां पत्रकारों को शारीरिक हमले, हैकिंग, आनलाइन ट्रोलिंग और वीजा से इनकार का सामना करना पड़ता है। चीन और हांगकांग में स्थानीय पत्रकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
2- खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई थी, जब दुनिया भर का मीडिया बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक पर फोकस बनाए हुए था, बीजिंग ओलंपिक पहले ही शिनजियांग में मानवाधिकारों के कथित हनन और हांगकांग में की गई कार्रवाई के कारण विवादों के घेरे में था।
रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी पत्रकारों को चीन में इतने गंभीर रूप से परेशान किया जा रहा है कि कई संवाददाता चीन छोड़ चुके हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी पत्रकारों के चीनी सहयोगियों और उनके परिवारों को भी चीनी अधिकारियों की ओर से डराया धमकाया जाता है। चीनी मूल की आस्ट्रेलियाई पत्रकार चेंग लेई और चीनी पत्रकार हेज फैन जैसे अन्य पत्रकारों को राज्य सुरक्षा मामलों में शामिल होने के आरोप में एक साल से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है।