वाराणसी(www.arya-tv.com) कालाजार, मलेरिया जैसी बीमारी का पता लगाने के बाद अब आईएमएस बीएचयू में मच्छर जनित बीमारी डेंगू पर शोध की तैयारी है। मालीक्यूलर बायोलॉजी के प्रोफेसर सुनीत सिंह के निर्देशन में जल्द ही इस पर शोध शुरू होगा। इससे पता चलेगा कि डेंगू कितना खतरनाक है। इससे रोकथाम के लिए प्रभावी कदम भी उठाए जा सकेंगे।
आईएमएस बीएचयू के मालीक्यूलर बायोलॉजी में होने वाला शोध अपने आप में अलग होगा। इससे बीमारी के मनुष्य के शरीर पर प्रभाव की सही जानकारी मिल सकेगी। शोध से पता लगाया जा सकेगा कि डेंगू के वायरस कैसे शरीर की कोशिकाओं में पहुंचकर रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित कर रहे हैं। प्रो. सुनीत सिंह ने बताया कि इसके लिए आईसीएमआर की ओर से तीन साल के प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिल चुकी है।
आईएमएस बीएचयू में होती है जांच
आईएमएस बीएचयू में माइक्रोबायोलॉजी लैब में डेंगू के संभावित मरीज के सैंपल की जांच की व्यवस्था है। यहां प्रो. गोपाल नाथ के निर्देशन वाली टीम हर साल सरकारी, निजी अस्पतालों से आने वाले सैंपल की जांच कर रिपोर्ट देती है। इसके अलावा इसी लैब में चिकनगुनिया और मलेरिया की जांच भी की जाती है।
डेंगू मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में अलग वार्ड बनाया जाता है। स्वास्थ्य निदेशालय के निर्देश पर मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल में आठ से दस बेड का वार्ड बनाकर मरीजों का इलाज किया जाता है। इसमें हर बेड पर मच्छरदानी, इलाज की मुकम्मल व्यवस्था रहती है।
नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग की खास भूमिका
डेंगू पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की खास भूमिका होती है। हर साल नगर निगम की ओर से टीम बनाकर दवा का छिड़काव कराने के साथ ही मलिन बस्तियों में साफ-सफाई भी कराई जाती है। उधर स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर परीक्षण शिविर लगाकर लोगों की जांच कराई जाती है।