रायबरेली के रहने वाले तीन दोस्त साइकिल से छह दिनों की यात्रा कर भोपाल से प्रयागराज पहुंचे

Prayagraj Zone UP

प्रयागराज।(www.arya-tv.com) रोजगार की तलाश में रायबरेली से मध्य प्रदेश के भोपाल गए तीन दोस्तों को क्या पता था कि उन्हें वहां काम तो नहीं मिलेगा, अलबत्ता परेशानी जरूर घेर लेगी। सुरेंद्र यादव, आशीष पटेल और रूपेश के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। लॉकडाउन में काम भी बंद हो गए और घर लौटने के साधन भी। कहावत है कि मरता क्या न करता। तीनों ने पैसे मिलाकर 4600 रुपये की नई साइकिल खरीदी और उसी से छह दिनों की यात्रा कर प्रयागराज पहुंचे। यहां से उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों ने रोडवेज की बस से रायबरेली भेजा।

रायबरेली के गौरा लखनीपुर कस्बा निवासी सुरेंद्र यादव, आशीष और रूपेश होली पर्व के बाद भोपाल चले गए थे। वहां काम ढूंढा। काफी मशक्कत के बाद काम मिला भी तो कोरोना वायरस का प्रकोप रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देश भर में लॉकडाउन घोषित कर दिया। इससे सभी काम-धंधे भी बंद हो गए। फिर तीनों दोस्तों ने कुछ दिन इंतजार किया। घर लौटने का कोई साधन न मिलता देख उन्होंने आपसी सहमति कर साइकिल खरीद ली। तीनों साइकिल से ही अपना सफर शुरू कर प्रयागराज पहुंचे।

भोपाल से प्रयागराज तक पहुंचने में तीनों दोस्तों को छह दिन लगे। रास्ते में कई जगह पुलिस कर्मियों ने रोका-टोकी की लेकिन विवशता बताकर वे यहां तक पहुंच ही गए। यहां पुलिस ने उन्हें रोककर प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी। उन्हें सीएवी इंटर कॉलेज में क्वारंटाइन करके स्वास्थ्य की जांच कराई गर्ई। उसके बाद रोडवेज की बस से अधिकारियों ने उन्हें रायबरेली भेजा। उनकी साइकिल भी बस की छत पर लाद दी गई।

सुरेंद्र ने बताया कि रास्ते भर तीनों दोस्तों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी। खाने-पीने की परेशानी सबसे अधिक रही। रात में किसी दुकान की शेड में चादर बिछाकर सो जाते थे। तीनों ने बारी-बारी से साइकिल भी चलाई।

मध्य प्रदेश निवासी अमरजीत, पत्नी नेहा और एक बच्चे के साथ हैदराबाद से शुक्रवार को प्रयागराज आए। इन तीनों को कहीं निजी साधन मिले तो कहीं उन्हें लंबी दूरी तक पैदल ही चलना पड़ा। कहीं ट्रक वालों से सहायता लेनी पड़ी तो कहीं पर माल ढोने जा रहे लोडर को रोककर उससे कुछ दूर पहुंचे। प्रयागराज में इन तीनों के स्वास्थ्य की जांच कर प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें रोडवेज की बस से मध्य प्रदेश भेजा।