- मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी ओ0बी0सी0 मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक को सम्बोधित किया
लखनऊ।जब कोई समाज अपने स्वत्व का बोध खोता है, तो उसके सामने पहचान का संकट खड़ा होता है। कुछ ऐसा ही षडयंत्र पिछड़ा वर्ग समाज के साथ किया गया। उस समाज के साथ जो अपने बल, बुद्धि तथा पौरुष से भारत को सोने की चिड़िया बनाने और समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का जज्बा रखता था, उसे एक साजिश के तहत आपस में लड़ाया गया। इससे न केवल इस समाज के सामने बल्कि पूरे देश के सामने एक पहचान का संकट आ गया था।
मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी ओ0बी0सी0 मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप सब समाज के उसे तबके का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनके मन में समाज जीवन और राष्ट्र जीवन के साथ आगे बढ़ने का एक जज्बा है, जिनकी अपेक्षाएं और आकांक्षाएं हैं। वह ताकतें जानती थी कि अगर यह समाज ऐसे ही पराक्रमी और पौरुष से भरपूर रहा, तो दुनिया की कोई ताकत और कोई आक्रांता भारत का बाल बांका नहीं कर पाएगा। इसलिए उन्होंने इस समाज को आपस में लड़ाने और भिड़ाने की साजिश रची। इसके परिणाम हम सबके सामने हैं। जो कार्य कभी विदेशी आक्रांता करते थे, आज वही कार्य इस देश में छद्म सेकुलरिज्म के नाम पर आने वाले राजनीतिक दलों ने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही के लोकसभा के चुनाव में विभिन्न जातियों को आपस में लड़ा कर अस्तित्व का एक संकट खड़ा करने का प्रयास किया गया। यह समाज अगर अपने पौरुष और पराक्रम के लिए जाना जाता था, तो भारत की परंपरा और संस्कृति के प्रति उतनी ही अटूट आस्था और श्रद्धा के लिए भी जाना जाता था। इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी की सरकारों में यही कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित की गई थी। यह कांवड़ यात्रा शिव भक्तों का मंगल गान या उनकी यात्रा भर नहीं है। इसके साथ रोजगार भी जुड़ा हुआ है। कावड़ यात्रा के साथ चलने वाले, उसके साथ लगे हुए हस्तशिल्पियों, छोटे दुकानदारों सहित यात्रा से जुड़े हुए हुए सभी अन्य लोगों की आजीविका चलती थी। एक यात्रा के माध्यम से वर्ष भर के लिए उनके पास इतनी आमदनी हो जाती थी कि वह उससे अपने, अपने परिवार तथा देश की समृद्धि में अपना योगदान देते थे।
पिछली सरकारों ने आपके सभी पर्व और त्योहार को रोकने का काम किया था। नवरात्रि में आप दुर्गा मूर्ति की स्थापना करते हैं। मूर्ति अपने आप नहीं बन जाती। कारपेंटर, मिट्टी का काम करने वाले, डिजाइन बनाने वाले, रंग भरने वाले, मूर्ति की साज सज्जा के लिए वस्त्र बनाने वाले सहित अलग-अलग तबके के लोगों को जोड़ने का यह माध्यम बनता था। रोजगार का सृजन भी वह करता था। पिछली सरकारों ने इसको भी रोकने का काम किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने देश में 60 वर्षों तक शासन किया। प्रदेश में समाजवादी पार्टी की चार-चार बार सरकार थी। इन्होंने एक जनपद एक उत्पाद के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया। एक जनपद एक उत्पाद के साथ जुड़े हुए कारीगर और हस्तशिल्पी ओ0बी0सी0 समुदाय से जुड़े हुए हैं। इसमें कुम्हार, विश्वकर्मा, लोहार तथा स्वर्णकार आदि हैं। केंद्र की पी0एम0 विश्वकर्मा तथा राज्य की विश्वकर्मा श्रम सम्मान और माटी कला बोर्ड से जुड़े जिन कार्यों को आज केंद्र और राज्य सरकार चला रही है, इसके साथ ओ0बी0सी0 समाज का रोजगार भी जुड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप प्रदेश के सभी जनपदों से आए हैं। अपने-अपने जनपदों में समाज को जागरूक करने, शासन की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने, समाज के विभिन्न तबकों को सही तथ्यों से अवगत कराने तथा विरोधियों के कारनामों से समाज को अवगत कराने का कार्य भी करेंगे। समाज की एकजुटता के लिए कार्य करेंगे तो इससे समाज, प्रदेश और देश को लाभ होगा। आने वाली पीढ़ियां आपके इस कार्य के लिए आपके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करेंगी।