वाराणसी में अब सूना नही होगा रंगमंच, बढ़ेगी रौन​क

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वाराणसी (www.aryaa-tv.com) कोरोना काल में जहां सब कुछ बीते दो वर्ष से ठप पड़ा हुआ था, वहीं इसका प्रभाव रंगमंच, नाट्य प्रस्तुतियों और कलाकारों की आजीविका पर भी था। सूने पड़े रंगमंच पर अब फिर से बहार लौटने को तैयार है। काशी की प्रसिद्ध श्री नागरी नाटक मंडली अपने परंपरागत ‘अश्विन नाट्य महोत्सव’ को पुन: शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे तम में डूबे मंच पर कला का रंग बिखरेगा।

डा. संजय मेहता, डा. अजीत सहगल, अशोक वाही और डा. आशुतोष चतुर्वेदी ने रंगमंचीय प्रस्तुतियों को पुनर्जागृत करने के लिए ‘अश्विन नाट्य महोत्सव’ का समय 03 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक चुना है।

डा. मेहता ने बताया कि श्री नागरी नाटक मंडली के डा. राजेंद्र उपाध्याय के निर्देशन में ‘भगवतगीता’ नाटक के मंचन से इसका शुभारंभ हाेगा। आयोजन में कोरोना प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। नाट्य प्रस्तुतियों का मंचन परंपरागत रूप से संस्था के मुरारीलाल प्रेक्षागृह में ही प्रतिदिन शाम 7.00 बजे से आरंभ हाेगा।

मंडली सभी नाट्य संस्थाओं को इस महोत्सव में अपनी प्रस्तुति देने के लिए प्रेक्षागृह, प्रकाश व पिकअप की सुविधा निश्शुल्क उपलब्ध कराती है। अब अक्‍टूबर माह की शुरुआत होने के साथ मंच भी सजेंगे और कलाकारों की मेधा भी मंच पर आकार पाएगी। कलाकारों की तैया‍रियों भी अब पर्दे के पीछे शुरू हो चुकी हैं। वहीं बाहर से आने वाले कलाकारों की भी आमद का इंतजार है।

कब किस नाटक का होगा मंचन

तिथि- नाटक- संस्था- निर्देशक

03-अक्टूबर- भगवतगीता-श्रीनागरी नाटक मंडली डा. राजेंद्र उपाध्याय

04 अक्टूबर चौरी- चौरा संग्राम-थिएटर वाला ग्रुप रामजी बाली

05 अक्टूबर- रानी लक्ष्मीबाई – मणिकर्णिका से मर्दानी यथार्थ क्रिएशन सोसा. शुभ्रा वर्मा

06 अक्टूबर- मन रे परस हरि के चरण- कन्हैया लाल स्मृति संस्कृति संस्थान आलाेक पांडेय

07 अक्टूबर- तूलिया- प्रेरणा कला मंच

08 अक्टूबर- एक गधे की आत्मकथा- बनारस यूथ थिएटर उत्कर्ष उपेंद्र सहस्रबुद्धे

09 अक्टूबर -कृष्णार्पणमस्तु- प्रो. प्रेमचंद होंबल, माला होंबल

10 अक्टूबर- होम प्रोडक्शन- श्रीनागरी नाटक मंडली सुमन पाठक