तीन दिवसीय उर्स की शुरुआत गुस्ल की रस्म के साथ हुई शुरू, खोली गई असली कब्रें

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आगरा (www.arya-tv.com) मुगल शहंशाह शाहजहां का 366वां उर्स बुधवार से ताजमहल में शुरू हो गया। तीन दिवसीय उर्स की शुरुआत गुस्ल की रस्म के साथ हुई। तहखाने में स्थित शाहजहां व मुमताज की असली कब्रों को खोला गया, जिसके साथ जियारत का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर दो बजे से स्मारक में सैलानियों को निश्शुल्क प्रवेश मिला। असली कब्रों को देखने का क्रेज पर्यटकों में रहा।

मुगल शहंशाह शाहजहां का उर्स हिजरी कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को मनाया जाता है। बुधवार को रजब की 25 तारीख को दोपहर दो बजे शाहजहां के उर्स की शुुरुआत ताजमहल में हुई। दोपहर दो बजे ताजमहल में तहखाने में स्थित असली कब्रों के दरवाजे को खोला गया और अजान दी गई। गुलाब जल से शाहजहां व मुमताज की कब्रों को गुस्ल कराया गया।

दोनों की कब्रों पर फूलों की चादर चढ़ाई गई। फातिहा पढ़ा गया और दुनिया से कोरोना वायरस के संक्रमण के खात्मे की दुआ की गई। इसके बाद मिलाद-उन-नबी हुआ। दोपहर दो बजे से ताजमहल में पर्यटकों का प्रवेश निश्शुल्क रहा। ताजमहल पहुंचने के बाद पर्यटकों को उर्स और स्मारक फ्री होने की जानकारी मिली तो उनकी दीदार-ए-ताज की खुशी दोगुनी हो गई।

कव्वालियों के साथ गूंजी शहनाई

शहंशाह शाहजहां के उर्स में पहले दिन मुख्य मकबरे पर कव्वाली गूंजी। वहीं, रायल गेट पर शहनाई बजती रही।

गुरुवार को चढ़ेगा संदल

शाहजहां के उर्स में गुरुवार दोपहर दो बजे संदल चढ़ाया जाएगा। इसमें चंदन का लेप कब्रों पर किया जाता है। गुरुवार दोपहर दो बजे से सैलानियों के लिए ताजमहल फ्री रहेगा। शुक्रवार को पूरे दिन ताजमहल फ्री रहेगा। सुबह से चादरपोशी होगी और पंखे चढ़ाए जाएंगे। मुख्य आकर्षण खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा चढ़ाई जाने वाली 1331 मीटर लंबी सतरंगी चादर रहेगी।

एएसआइ ने किया आदेश

जिला प्रशासन ने उर्स की अनुमति मंगलवार को दे दी थी। इसका आदेश बुधवार सुबह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्राप्त हुआ। जिसके बाद अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने परंपरा के अनुसार ताजमहल को पर्यटकों के लिए फ्री किए जाने का आदेश जारी किया।