डीन राजवीर सिंह पर हमले के पीछे की वजह आई सामने, पुलिस ने किया खुलासा

Meerut Zone

(www.arya-tv.com) पुलिस जांच में डीन राजवीर सिंह पर हमले के पीछे तीन वजह सामने आई हैं। आरोप है कि मानक पूरे न करने के बावजूद राजवीर सिंह को वेटनरी कालेज का डीन बनाया गया, जबकि आरती भटेले डीन पद के लिए योग्य थी। आरती पीएचडी है। उसके बाद भी आरती को नजरअंदाज किया गया। इसलिए राजवीर सिंह से आरती रंजिश रखती थी। आरती ने मान लिया था कि डा. राजवीर को रास्ते से हटाकर ही वह डीन बन सकती है। तभी आरती ने अपने प्रेमी अनिल के साथ मिलकर राजवीर सिंह की हत्या की साजिश रची।

मध्यप्रदेश के छतरपुर की रहने वाली आरती भटेले तलाकशुदा है। आरती की मुलाकात 2014 में अनिल बालियान से हुई थी। उस समय अनिल अपनी बेटी आकांक्षा बालियान का दाखिला कराने सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय आया था। उस समय अनिल कंकरखेड़ा के डिफेंस एन्क्लेव स्थिति डा. राजवीर के मकान में किराए पर रहता था। आरती और अनिल में प्रेम संबंध हो गए। राजवीर सिंह ने दोनों के प्रेम संबंध की जानकारी अनिल की पत्नी को दे दी थी। इस पर 2019 में अनिल की पत्नी उसे छोड़कर मायके सिसौली चली गई। तभी से अनिल भी राजवीर से रंजिश रखने लगा।

अनिल का बड़ा बेटा बेंगलुरु में नौकरी करता है और छोटा बेटा देहरादून में पढ़ाई कर रहा है। अनिल इस समय अकेला था। ऐसे में आरती अक्सर उसके मकान पर आती-जाती थी। बाजार में खरीदारी के लिए भी दोनों अक्सर साथ जाते थे। एसएसपी ने बताया कि तीसरी वजह यह सामने आई कि आरती ने अनिल को बताया था कि राजवीर के मरने के बाद वह डीन बन जाएगी। उसके बाद बेटी आकांक्षा की नौकरी भी विवि में लगवा देगी। इसी लालच में अनिल ने आरती का साथ दिया। साथ ही शूटर भाड़े पर लेकर पांच लाख की रकम भी अनिल ने ही शूटरों को दी थी।

पुलिस के अनुसार डा. राजवीर के डीन बनने के बाद डा. आरती ने दो साल पहले लखनऊ में राज्यपाल से भी शिकायत की थी। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे डा. राजबीर सिंह अवकाश या अन्य कार्य से विश्वविद्यालय से बाहर जाते थे, तब भी डीन का कार्यभार आरती के बजाए जूनियर डा. विजय को देकर जाते थे। इस बारे में भी आरती की तरफ से पत्राचार किया गया था।