रेमडेसिविर की कीमत 3500 रुपए से ज्यादा नहीं होगी; 6 नई कंपनियों को इसे बनाने की मंजूरी

Health /Sanitation National

(www.arya-tv.com)कोरोना संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल किए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी पूरी करने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को दो अहम फैसले लिए। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, इस हफ्ते के आखिर से इस इंजेक्शन की कीमत 3500 रुपए हो जाएगी। इतना ही नहीं अप्रैल के आखिर से इनका उत्पादन भी दोगुना हो जाएगा। इसके लिए 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दे दी गई है। फिलहाल, देश में हर महीने 38.80 लाख इंजेक्शन तैयार किए जा रहे हैं। इस महीने के आखिर तक करीब 80 लाख इंजेक्शन तैयार होंगे।

कई राज्यों में इंजेक्शन की किल्लत
देश के कई राज्यों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत सामने आ रही है। इसकी वजह से इसकी कालाबाजारी भी बढ़ी है। कई हिस्सों से इन्हें मनमानी कीमत में बेचे जाने की शिकायतों के बाद रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने यह ऐलान किया। मनसुख मंडाविया के साथ पिछले 12-13 अप्रैल को रेमडेसिविर बनानी वाली कंपनियों के साथ हुई मीटिंग में इसकी उपलब्धता, प्रोडक्शन, सप्लाई बढ़ाने और कीमतें कम करने पर फैसले लिया गया था।

मंत्रालय के मुताबिक, रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों ने तय किया है कि इनकी कीमत 3500 रुपए से ज्यादा नहीं होगी। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने यह फैसला लिया है। NPPA ही अब देशभर में इसकी उपलब्धता की निगरानी करेगी।

अभी 7 कंपनियां बना रहीं इंजेक्शन
मंत्रालय के मुताबिक, देश में इस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन के कुल 7 मैन्यूफेक्चरर्स हैं। अब 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी गई है। इससे 10 लाख इंजेक्शन हर महीने और बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा 30 लाख यूनिट और बनाए जाने की तैयारियां आखिरी दौर में हैं।

यूपी में इंजेक्शन की कमी, गुजरात से मदद मांगी
उत्तर प्रदेश में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 95 हजार से ज्यादा हो गई है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर का संकट सामने आने लगा है। पूरे राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुजरात के अहमदाबाद से रेमडेसिविर इंजेक्शन के 25 हजार डोज मंगवाने को कहा है।

सरकार ने रेमडेसिविर के निर्यात पर रोक लगाई
केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही रेमडेसिविर के निर्यात पर रोक लगाई है। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों का भी निर्यात नहीं हो सकेगा। संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने से देश भर में इस इंजेक्शन की शॉर्टेज हो गई है। आने वाले दिनों में मांग और बढ़ने की संभावना को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया था।