(www.arya-tv.com) वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम शुक्रवार की सुबह सात बजे से फिर शुरू करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही जिला व पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को एएसआई के सहयोग और सुरक्षा की जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
ज्ञानवापी में सर्वे के मद्देनजर जिले की पुलिस और प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है। सोशल मीडिया की भी निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि अदालत के आदेश का पालन कराया जाएगा। एएसआई टीम का सर्वे में हर तरह का सहयोग दिया जाएगा।
पुलिस आयुक्त ने लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की टीम ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क साधा है। एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच चुकी है। टीम में आगरा, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज, पटना सहित कई शहरों के विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। यह टीम सुबह सात बजे से ही सर्वे में जुट जाएगी। इसी सिलसिले में पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया। पुलिस आयुक्त ने करीब तीन घंटे तक सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने की रणनीति बनाई। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सर्वे में किसी तरह का व्यवधान नहीं आएगा।
हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। ज्ञानवापी के आसपास सुरक्षा के सख्त इंतजाम रहेंगे। एएसआई की 43 सदस्यीय टीम ने 24 जुलाई की सुबह सात बजे से ज्ञानवापी में लगभग साढ़े पांच घंटे तक सर्वे किया था। दोपहर लगभग 12:30 बजे सर्वे पर रोक लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी हुई तो काम रोक दिया गया। उस दिन से अब तक 10 दिन सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से ज्ञानवापी में सर्वे का काम रुका रहा। अब शुक्रवार से सर्वे शुरू होगा।
चार अगस्त तक एएसआई को देनी थी रिपोर्ट
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी की मौजूदा संरचना को नुकसान पहुंचाए बगैर एएसआई को सर्वे का आदेश देकर चार अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा था। एएसआई को सर्वे कर बताना था कि क्या मंदिर को ध्वस्त कर उसके ढांचा के ऊपर मस्जिद बनाई गई है, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट चला गया। अब हाईकोर्ट ने सर्वे पर मुहर लगाई है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जिला जज की अदालत में होनी है।
जिला अदालत का आदेश बरकरार
मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के प्रार्थना पत्र पर बीते 21 जुलाई को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी में सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से के सर्वे का आदेश एएसआई को दिया था। जिला जज की अदालत ने कहा था कि सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक अदालत में पेश की जाए। इसी तिथि में अगली सुनवाई होगी।
जिला जज की अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर 24 जुलाई की दोपहर से सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट के आदेश से अब तक सर्वे का काम रुका हुआ था। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्याय हित में ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे को जरूरी बताया और एएसआई को सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया।