द केरला स्टोरी देखना नहीं चाहते नसीरुद्दीन शाह:बोले- इसे प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा

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(www.arya-tv.com) दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि द केरला स्टोरी जैसी फिल्म देखने में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है। उनका कहना है कि भीड़ और अफवाह जैसी फिल्में फ्लॉप हो गईं लेकिन द केरला स्टोरी सुपरहिट हो गई। नसीरुद्दीन के मुताबिक, आज कल कुछ फिल्मों को प्रोपेगेंडा और दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने ये भी कहा कि आज के वक्त में मुसलमानों से नफरत करना फैशन बन गया है। लोगों के अंदर बड़ी चतुराई से मुसलमानों के प्रति नफरत भरी जा रही है। एक्टर ने कहा कि वैसे तो ये धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है, लेकिन यहां हर जगह धर्म की बात की जाती है। इलेक्शन कमीशन भी उन नेताओं को कुछ नहीं कहता जो धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं।

नसीर ने कहा- प्रोपेगेंडा और नफरत से लड़ने के लिए कलाकारों को आगे आना होगा
नसीरुद्दीन शाह ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि प्रोपेगेंडा और नफरत से लड़ने के लिए कलाकारों को आगे आना होगा। उन्हें अपनी आवाज उठानी होगी। नसीर से पूछा गया कि ऐसे समय में एक्टर्स को क्या करना चाहिए। जवाब में उन्होंने कहा कि किसी को खुश करने के लिए कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

आप ऐसी हरकतें मत करिए जो आपके अनुरूप नहीं है। नसीर ने कहा कि उन्होंने द केरला स्टोरी नहीं देखी क्योंकि उन्होंने फिल्म के बारे में पहले ही काफी कुछ सुन लिया है, इसलिए इसे देखने में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है।

‘ऐसी फिल्में क्यों करना जिस पर खुद विश्वास न हो’
नसीरुद्दीन ने एक्टर्स को सलाह दी है कि ऐसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बनना चाहिए जो आपके विश्वास के विपरीत हो। जिस पर आपको खुद विश्वास न हो। नसीर ने कहा कि आज का समय चिंताजनक है। हेट फैलाने वाले कंटेंट परोसे जा रहे हैं।

‘देश के नेता धर्म के नाम पर लोगों को बांट रहे’
नसीर का कहना है कि आज के समय में कट्टरता काफी ज्यादा बढ़ गई है। देश के नेता धर्म के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं। ऐसे नेताओं को चुनाव आयोग भी कुछ नहीं कहता। अगर कोई मुस्लिम नेता अल्लाह हू अकबर कह कर वोट मांगे तो अभी बवाल मच जाए। हालांकि ये खेल ज्यादा नहीं चलेगा।