लंदन में इंडियन हाई कमीशन के पास स्थित ऐतिहासिक इंडिया क्लब को तोड़ा जाएगा, आजादी की लड़ाई में लगता था राष्ट्रवादियों का जमावड़ा

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(www.arya-tv.com) लंदन का ऐतिहासिक इंडिया क्लब अगले महीने बंद हो जाएगा। ये वो जगह है जहां 1930 से 1940 के दशक में अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए राष्ट्रवादी नेताओं का जमावड़ा लगता था। यह ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के पास है। यहां कई सालों तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और इंदिरा गांधी मेहमान के तौर पर आते रहे है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर के मुताबिक इसे तोड़कर आलीशान होटल बनाया जाएगा। दरअसल, काफी सालों से क्लब को तोड़े जाने से बचाने के लिए कैंपेन चलाई जा रही है। इसमें शशि थरूर भी शामिल रहे हैं। इंडिया क्लब को लोगों के लिए आखिरी बार 17 सितंबर को खोला जाएगा।

इंडिया लीग ब्रिटेन में बेस्ड एक संगठन था जिसने भारत की पूर्ण स्वतंत्रता और स्वशासन के लिए अभियान चलाया था। लीग की स्थापना 1928 में कृष्ण मेनन ने की थी। इसकी बैठकें लंदन के इंडिया हाउस में की जाती थी।

आजादी के बाद इस इंडिया हाउस का इस्तेमाल भारतीय पत्रकारों और बुद्धिजीवियों के लिए रेस्तरां और विशेष सामूहिक स्थल के तौर पर किया जाने लगा। कृष्ण मेनन आजादी के बाद ब्रिटेन में भारत के पहले राजदूत भी बने थे। मेनन का मानना था कि इंडिया हाउस को एक ऐसी जगह बनाना चाहते थे जहां भारतीय युवा यहां राजनीति और भविष्य के प्लान डिस्कस कर सकें।

लंदन में सेव क्लब इंडिया मुहिम चला रही फिरोजा का कहना है कि ये भारतीयों के लिए ये जगह घर से बाहर घर के जैसी है। आजादी के बाद अलग-अलग दौर में प्रवासियों के तौर पर आए भारतीयों को यहां अपनेपन का अहसास कराया गया।

सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि यहां दूसरे महाद्वीपों से आए लोगों का भी वेलकम किया गया। यही वजह है कि इसे बचाने के लिए 9 हजार लोगों ने पेटिशन साइन की है। इनमें भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाली एनी बेसेंट की पड़पौती और माउंटबेटन के पड़पौते भी शामिल हैं।