मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत 100 आकांक्षात्मक विकासखण्डों में तैनात शोधार्थियों से संवाद किया

Lucknow

(www.arya-tv.com)मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  की मंशा के अनुरूप आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर प्रदेश में आकांक्षात्मक विकासखण्डों का चयन किया गया। इन विकासखण्डों में एक-एक मुख्यमंत्री फेलो की तैनाती की गयी। उनके प्रशिक्षण के उपरान्त 21 अक्टूबर, 2022 को उन सभी फेलो के साथ संवाद बनाते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र तथा टैबलेट उपलब्ध कराये गये थे। उसके बाद सभी शोधार्थियों ने अपने-अपने तैनाती क्षेत्र में कार्य प्रारम्भ किया। डेढ़ से दो माह की अवधि बहुत बड़ी अथवा बहुत छोटी नहीं होती है। किसी भी कार्य की शुरुआत में वहां की भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा अन्य परिस्थितियां एक चुनौती के रूप में सामने होती हैं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए सभी फेलो ने अपना कार्य प्रारम्भ किया और आज के कार्यक्रम में अपने-अपने अनुभवों से हमें अवगत कराया है। आप सभी ने अच्छा प्रयास प्रारम्भ किया है।

मुख्यमंत्री  फेलोशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत 100 आकांक्षात्मक विकासखण्डों में तैनात शोधार्थियों से संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने शोधार्थियों से संवाद किया। शोधार्थियों ने अपने-अपने विकासखण्डों में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्याें से उन्हें अवगत कराया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि यह हमारी कमी है कि हम डाटा कलेक्शन नहीं करते और उसे अपलोड भी नहीं करते। इस कारण कई बार अनेक क्षेत्रों में कार्य तो होते हैं, लेकिन डाटा अपलोड न करने के कारण लोगों को उसकी प्रगति से अवगत नहीं करा पाते। आप सभी फेलो अपने तैनाती स्थल में समन्वय के साथ-साथ डाटा कलेक्शन तथा प्रतिदिन की गतिविधि को अपलोड करने का कार्य करेंगे। डाटा सही होना चाहिए। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रत्येक तीन माह में तथा नियोजन विभाग द्वारा प्रतिमाह इसका मूल्यांकन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकासखण्डों में आयुष्मान भारत के गोल्डेन कार्ड की संख्या राज्य औसत से कम थी। प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से नवम्बर, 2022 की रैंकिंग में मात्र 23 विकासखण्ड ऐसे हैं, जो राज्य औसत से पीछे हैं। शेष विकासखण्ड राज्य औसत के बराबर आ गये हैं। यदि अन्य लोग भी अपने विकासखण्डों पर ध्यान दें, तो इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक आयुष्मान भारत के अन्तर्गत पीछे छूटे हुए विकासखण्डों को राज्य औसत के बराबर ला सकते हैं। प्राथमिक विद्यालयों में पेयजल की सुविधा के कार्याें में 28 विकासखण्ड राज्य औसत से पीछे थे। विगत 08 महीने के अन्दर किये गये प्रयासों से अब मात्र 02 विकासखण्ड ही राज्य औसत से पीछे रह गये हैं। शेष आकांक्षात्मक विकासखण्ड राज्य औसत के बराबर आ चुके हैं।

इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त  अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा  महेश गुप्ता, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  पार्थ सारथी सेन शर्मा, सचिव नियोजन  आलोक कुमार, सूचना निदेशक  शिशिर, नीति आयोग के सीनियर एडवाइजर  संजीत सिंह, सीनियर कन्सल्टेण्ट  राकेश रंजन सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं शोधार्थी उपस्थित थे।