मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जब बिना भेदभाव लाभ देने वाली सरकार आती है, तो सरकारी योजनाओं में एक गरीब की सुनवाई होती है। सरकार कमजोरों के साथ खड़ी होती दिखाई देती है। जिस विवाह में मुख्यमंत्री, मंत्रिगण तथा शासन-प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी खड़े हांे, तो इससे बड़ा कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री गोरखपुर के महंत दिग्विजयनाथ पार्क में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 1,500 जोड़ों के विवाह कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम दहेजमुक्ति तथा बाल विवाह रोकने तथा इस बात का एहसास कराने का भी अभियान है कि हम लोग समाज में कुरीतियों को नहीं पनपने देंगे, जो समाज के विकास में बाधक हांे। प्रदेश सरकार समाज को जोड़कर इस दिशा में अनेक कार्यक्रम चला रही है। सामूहिक विवाह योजना इसी श्रृंखला का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन दहेजमुक्त विवाह को पे्ररित करने के लिए डबल इंजन सरकार द्वारा किए गये प्रयासों का परिणाम है। यह उस सामाजिक कुरीति पर एक प्रहार भी है, जो समाज में गरीबों तथा वंचितों को बेटी के विवाह जैसे पवित्र यज्ञ से वंचित कर देती थी। हम सभी को बाल विवाह से पूरी तरह समाज को छुटकारा प्रदान करने की दिशा में कार्य करना होगा। महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को पूर्ण रूप से समाप्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक अभिनव प्रयास है। इस अभिनव प्रयास का परिणाम है कि आज यहां पर 1,500 जोडे़ विवाह बंधन में बंध रहे हैं। प्रदेश में 03 लाख से अधिक परिवार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से जुड़ चुके हंै।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 में सामूहिक विवाह योजना प्रारम्भ की गयी। प्रारम्भ में इस योजना के अन्तर्गत अनुदान स्वरूप 35 हजार रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी थी। बाद में इस धनराशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया। 51 हजार रुपये की धनराशि से वर-वधू को आवश्यक सामग्री देने के पश्चात, उनकी आवश्यकताओं के लिए एक निश्चित धनराशि उनके बैंक खाते में जमा करा दी जाती है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017 से वर्ष 2023 तक जनपद गोरखपुर में 4,531 जोड़ों का विवाह सम्पन्न किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं कार्यक्रम को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को लागू किया है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 15,000 रुपये की धनराशि उपलब्ध करा रही है। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 से यह धनराशि बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी जाएगी। इसके लिए बजट की व्यवस्था कर दी गयी है। प्रदेश में 17 लाख बेटियां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित हो रही हैं। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।