वाराणसी में पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां गंगा में विसर्जित

Varanasi Zone

(www.arya-tv.com) बिरजू महाराज का अस्थि कलश वाराणसी के अस्‍सी घाट पर गंगा में विसर्जित किया जाएगा। इसके लिए वाराणसी में पूर्व में ही तैयारियां कर ली गई थीं। वहीं वाराणसी में सुबह से ही बिरजू महाराज के चित्र पर पुष्‍प अर्पित करने के साथ ही उनको श्रद्धांजलि और शिष्‍यों की ओर से नृत्‍यांजलि प्रस्‍तुत की गई। नटराज संगीत अकादमी परिसर से बिरजू महाराज की अस्थि कलश यात्रा रवाना हुई तो लोगों की आंखें गीली हो गईं। गंगा में नाव से लेकर उनकी अस्थियां मध्‍य धारा में वैदिक रीति रिवाजों के मुताबिक विसर्जित की गईं।

पंडित बिरजू महाराज की पुत्री ममता महाराज परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली से लखनऊ के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुई थी। अस्थि कलश 21 जनवरी को सुबह से लेकर शाम तक लखनऊ स्थित उनके पैतृक आवास में रखा गया। इसे बिंदादीन महाराज की ड्योढ़ी के नाम से जाना जाता है। लखनऊ में पूरे दिन प्रशंसकों द्वारा अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और सूर्यास्त के बाद परिजन अस्थि कलश लेकर काशी के लिए रवाना हो गए। इसे पं. बिरजू महाराज के बड़े पुत्र पं. जय किशन महाराज और शिष्या शाश्वती सेन लेकर आए थे।