ए​क इंटरव्यू में बोलों अल्लू अर्जुन, पुष्पा- द राइज’ में यूनिक बॉडी लैंग्वेज करने से कंधा आज भी दुखता है

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(www.arya-tv.com) पुष्पा- द राइज’ ऑडियंस को खूब एंटरटेन कर रही है। साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की स्टाइल भी लोगों को खूब लुभा रही है, लेकिन इसके पीछे अल्लू अर्जुन की कड़ी मेहनत है, जिसके चलते उनका कंधा आज भी दर्द करता है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने फिल्म से लेकर फैमिली क्रिटिक्स आदि के बारे में रोचक जवाब दिया। पढ़िए बातचीत का अशं :

फिल्म में कंधा उठाने और दाढ़ी पर हाथ फेरने की स्टाइल बड़ी अच्छी लग रही है, यह आइडिया किसका था?

यह मेरा और डायरेक्टर का आइडिया था। मैंने एक फाइट शॉट के बीच में ऐसा किया, तब डायरेक्टर इसे देखकर बोलने लगे कि यह बहुत अच्छा है, इसे हम करेंगे। मैंने बोला- यह करेंगे? उन्होंने कहा- हां, जब तुमने स्क्रीन पर किया तो अच्छा लगा। इसलिए फिल्म में कई बार दाढ़ी पर हाथ फेरने की स्टाइल किया।

कैरेक्टर की तरह आपकी बॉडी लैंग्वेज बिल्कुल नहीं है। तीन घंटे की फिल्म में इसे कैसे अपनाए रखा?

बॉडी लैंग्वेज के लिए डायरेक्टर बोल रहे थे कि मुझे कुछ यूनिक बॉडी लैंग्वेज चाहिए। जिसे थिएटर में देखकर लोग तेरे जैसा वॉक करने लगें। कुछ भी करो, वह लेकर आओ। तीन-चार आइडिया था, लेकिन यह कंधा उठाने वाला आइडिया अच्छा लगा। एक शोल्डर ऊपर रखने में थोड़ा अलग और डिफरेंट लगता है और इसमें थोड़ा हीरोज्म भी होता है। यह तीन घंटे का नहीं है, यह दो साल की मेहनत है। कंधा अब भी दर्द करता है।

फैमिली में सबसे बड़ा क्रिटिक्स कौन है?

सभी बहुत सपोर्ट करते हैं। फिर भी कुछ बोलना होता है, तब बोल देते हैं। फादर बड़े प्रोड्यूसर हैं, सो वे भी फिल्म देखकर बोलते हैं। मेरे क्लोज फ्रेंड्स हैं। मेरी बीवी है। बच्चे भी बोलते हैं, अगर उन्हें कुछ अच्छा लगा, तब बोल देते हैं कि यह अच्छा है और यह अच्छा नहीं लगा। अब इन चीजों को मुझे लेना है।

रिलीज के बाद फिल्म से एक सीन काट दिया गया। सुना कि इस पर फैंस की नाराजगी थी। क्या कहेंगे?

नहीं-नहीं ऐसा कुछ नहीं था। यह लेंथ के लिए थोड़ा काट दिया गया। वह सीन स्टोरी के लिए कुछ इंपोर्टेंट नहीं था। अगर है तो तो चलेगा, लेकिन निकाल दिया गया तो पिक्चर और फास्ट चलेगी। इसलिए एक सीन निकाल दिया गया। उससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है।