74 साल पहले बनी टेक्निक बताएगी कितना पुराना है कथित शिवलिंग

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(www.arya-tv.com) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में 16 मई, 2022 को हुए सर्वे में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की कॉर्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे होगा। यह कैसे होगा? इस पर वाराणसी कोर्ट निर्णय लेगा। उन्हीं की निगरानी में यह काम किया जाएगा। वहीं, मंगलवार को कथित शिवलिंग के अलावा, पूरे ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका को वाराणसी कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

फिलहाल, कॉर्बन डेटिंग कब होगी, इसकी तारीख तय होना बाकी है। 22 मई को इस मामले में वाराणसी कोर्ट में सुनवाई है। आइए, इसके पहले जानते हैं कि किसी चीज पर साइंटिफिक जांच कर उसकी उम्र कैसे पता लगाई जाती है।

सिर्फ 10 ग्राम सैंपल से 50 हजार साल पुराने सच का खुलासा
ASI ने 11 मई को एक सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की थी। इस रिपोर्ट के आधार पर 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने ASI को आदेश दिया कि ज्ञानवापी परिसर में मिली ठोस आकृति के अपर पार्ट का वैज्ञानिक सर्वे और कार्बन डेटिंग कराई जाए। इसके लिए आकृति की ऊपरी सतह से 10 ग्राम से ज्यादा हिस्सा नहीं लिया जाए।

ऐसे होती है कार्बन डेटिंग…
कार्बन डेटिंग टेक्नीक में किसी भी वस्तु में कार्बन-12 और कार्बन-14 के बीच का रेश्यो निकाला जाता है। किसी पत्थर या चट्‌टान की आयु का पता लगाने के लिए उसमें कार्बन-14 का होना जरूरी है। अमूमन 50 हजार साल पुरानी चट्टानों में कार्बन-14 पाया जाता है। ऐसे में अगर जांच के लिए लाए गए किसी सैंपल में ये तत्व मौजूद रहता है, तो इसका मतलब है कि वह 50 हजार साल पुरानी है।

अगर सैंपल में कार्बन-14 नहीं मिला तो ?…अगर जांच के दौरान वस्तु में कार्बन-14 नहीं मिलता है, तो रेडियो एक्टिव आइसोटोप विधि की मदद से उसकी उम्र का पता लगाया जा सकता है।

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा को लेकर वुजूखाने वाली जगह को सील किया है। सील से अर्थ है कि वहां पर कोई छेड़छाड़, नुकसान, निर्माण या तोड़फोड़ नहीं किया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ASI का सर्वे सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। वहीं, मामले में मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो जगह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील है, वहां कैसे जांच हो सकती है?

  • यहां रुकते हैं। अब तक आपने जाना कि वैज्ञानिक किसी भी चीज की साइंटिफिक जांच कैसे करते हैं। आगे जानिए कि ज्ञानवापी परिसर में मिली ठोस आकृति पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और वाराणसी जिला अदालत ने क्या-क्या फैसले सुनाए…

कथित शिवलिंग पर अदालतों के 3 बड़े फैसले

  • 14 अक्टूबर 2022: वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष की कथित शिवलिंग की साइंटिफिक जांच कराने वाली याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि साइंटिफिक जांच से शिवलिंग को क्षति पहुंचेगी।
  • 17 अप्रैल 2023: मुस्लिम पक्ष ने नमाज में आ रही समस्या पर सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिलाधिकारी को समस्या के समाधान का आदेश दिया। ईद से पहले ज्ञानवापी परिसर के 100 मीटर के दायरे में सचल शौचालय और वुजू के लिए पानी से भरे टब की व्यवस्था की गई। हालांकि, परिसर में मिले कथित शिवलिंग वाली जगह को सील रखा गया।