- डॉ राजेश्वर सिंह ने शिक्षकों को टैब देकर किया सम्मानित, युवाओं की डिजिटल साक्षरता पर दिया जोर
- मेंटली, फिजिकली और डिजिटली रूप से रहें तैयार युवा, आने वाली चुनौतियों-अवसरों को निडरता से करें स्वीकार : डॉ. राजेश्वर सिंह
डिजिटल युग में युवाओं के लिए चुनौतियां व अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है, प्रतियोगिता का स्तर लगातार बढ़ रह है, ऐसे में हमें बच्चों-युवाओं मेंटली, फिजिकली और डिजिटली तीनों रूप से तैयार रहें ताकि वे आने वाली चुनौतियों का निडर हो स्वीकार करें और सशक्त राष्ट्र का निर्माण करें। ये बातें सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा कही गईं मौका था बिजनौर स्थित गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ग्राम प्रधान / स्थानीय प्राधिकारी एवं प्रधानाध्यापकों के ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी एवं उन्मुखीकरण तथा शिक्षकों को टैबलेट वितरण समारोह का।
इस दौरान उन्होंने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने, डिजिटल शिक्षा की आवश्यकता और समाज में शिक्षकों की भूमिका पर अपने विचार भी रखें। साथ ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उत्कृष्ट शिक्षकों को टैब वितरण कर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती पूजन से ही हुई जिसके बाद बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। इस दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर के स्कूलों में पढ़ाने वाले 20 उत्कृष्ट शिक्षकों को टैब देकर सम्मानित किया।
डिजिटल साक्षरता पर जोर देते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि पूरा विश्व डिजिटल लिटरेसी की ओर जा रहा है। डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में डिजिटल इंडिया की शुरूआत की थी तब देश में केवल 6 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे जबकि आज यह संख्या 83 करोड़ हो चुकी है जोकि विश्व में सर्वाधिक है। 120 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन है जिसमें से 75 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन है। डेटा की खपत में भारत अव्वल है। लगातार बढ़ते डिजिटलीकरण के चलते हमें बच्चों को डिजिटल लिटरेट करना है। सीएम योगी द्वारा बच्चों को स्मार्टफोन और टैबलेट बांटने के लिए 3,600 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया गया। हर फिल्ड में कार्य अब डिजिटल तरीके से हो रहे हैं। चाहे वो बैंकिंग सेक्टर हो, ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, हेल्थ हो जहां रोबोटिक्स सर्जरी हो रही है, एग्रीकल्चर की फिल्ड हो, अब हर कार्य डिजिटल तरीके से हो रहे हैं।
शिक्षकों के प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के मूर्तिकार होते हैं जो देश का उज्ज्वल भविष्य गढ़ते हैं, जो स्वयं मोम की भांति जलकर ज्ञान की ज्योति से उन्नति के मार्ग को प्रज्ज्वलित करते हैं। वे बच्चों-युवाओं के सपनों को पूरा करने में सबसे ज्यादा सहायक होते हैं। शिक्षक ही सशक्त देश का निर्माण करते हैं। यह शिक्षकों की ही देन है कि आज भारत एक राजनैतिक, आर्थिक व सैन्य महाशक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार अमेरिकी संसद को संबोधित किया। जी-20 का सफल आयोजन हुआ।
डॉ. सिंह ने विद्यार्थियों को आने वाली चुनौतियों से अवगत कराते हुए कहा कि लगातार प्रतियोगिताओं का स्तर बढ़ रहा है। पहले यूपीएसी का एग्जाम में पहले जहां 2 लाख के करीब बच्चे बैठते थे आज 10 लाख बच्चे परीक्षा देते हैं, पीसीएस के एग्जाम में पहले जहां 1 लाख बच्चे बैठते थे वहीं अब ये संख्या 4 से 5 लाख हो चुकी है। ऐसे में यह अति आवश्यक है कि बच्चों को आने वाली प्रतियोगिताओं, चुनौतियों और मौकों के लिए तैयार रहें। बच्चों-युवाओं को जितनी अच्छी शिक्षा होगी, समाज व देश का स्तर उतना ही बेहतर व मजबूत होगा। मेरा प्रयास है कि सरोजनीनगर के सभी स्कूलों में बच्चों के लिए हर सुविधा-संसाधन उपलब्ध हो।
कार्यक्रम के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी रुद्र प्रताप यादव ने विधायक की तारीफ करते हुए कहा कि विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा कराए जा रहे कार्य से सरोजनीनगर में निरंतर विकास हो रहा है। उनके कृत व कर्तव्यनिष्ठा हमारे लिए प्रेरणा है। ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि डॉ. राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में सरोजनीनगर में शिक्षा के स्तर बढ़ा है।
कार्यक्रम में कॉलेज संस्थापक आर एस कुशवाहा, डायरेक्टर सोमिल कुशवाहा, प्रिंसिपल डॉ. रश्मि शर्मा, ब्लॉक प्रमुख सुनील रावत, नगर पंचायत बंथरा रामावती, वरिष्ठ विशेषज्ञ राज्य परियोजना कार्यालय श्याम किशोर तिवारी, जिला बेसिक अधिकारी अरुण कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी रुद्र प्रताप सिंह सरोजनीनगर, प्रधान संघ अध्यक्ष श्रवण कुमार, भाजपा नेता शिव शंकर सिंह समेत छात्र-छात्राएं, शिक्षक व अभिभावक उपस्थित रहे।