(www.arya-tv.com)योगी सरकार युपी को उत्तर भारत का टेक्सटाइल हब बनाने की तैयारी में है। इसके लिए पहले चरण में सात मंडल मुख्यालयों में टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। इसमें कपड़ा उद्योग से जुड़े निवेशक अपनी फैक्ट्री लगाएंगे। प्रदेश सरकार इन निवेशकों के लिए कई तरह की रियायतें व सहूलियतों का पिटारा खोलेगी। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देगी। खासतौर पर इन्हें केंद्र सरकार से प्रोजेक्ट लागत का 40 प्रतिशत (अधिकतम 40 करोड़) अनुदान के रूप में दिलाएगी।
हथकरघा व वस्त्रोउद्योग विभाग ने निजी निवेशकों के सामने मेरठ, आगरा, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ व कानपुर में बनने वाले टेक्सटाइल पार्क में निवेश का आफर दिया है। इसके जरिए टेक्साइल मैन्यूफैक्चरिं यूनिट लगेंगी। रियायतों के लिए जरूरी है कि इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल व अप्रैल पार्क का आधा निर्माण दो साल में पूरा हो जाए। बाकी काम अगले दो साल में पूरा हो जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (एसआईटीपी) योजना के तहत 40 प्रतिशत अनुदान मिल सकता है। इसके अलावा हथकरघा, रेशम, वस्त्र व परिधान नीति 2017 के तहत भी कई तरह की रियायतें मिलेंगी। प्लांट व मशीनरी की खरीद पर अधिकत 25 प्रतिशत कैपिटल सबसिडी देने की तैयारी है। हालांकि इसे 35 प्रतिशत किए जाने पर विचार हो रहा है।
100 एकड़ तक के पार्क के लिए विशेष सुविधाएं
अगर कोई निवेशक 100 एकड़ या उससे अधिक जमीन पर टेक्सटाइल पार्क विकसित करता है तो सरकार उस पार्क की मार्केंटिंग व ब्रांडिंग में सहयोग करेगी। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए एक नोडल अधिकारी तैनात करेगी जो हर समस्याओं का समाधान कराएगा साथ ही रियायतें से जुड़े मामलों का समाधान कराएगा।
पार्क में यह होंगी गतिविधियां
रेशम कीट पालन, कोया उत्पादन, रीलिंग, हैंडलूम, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, रंगाई प्रक्रिया, इम्ब्रायड्ररी, फैब्रिक, होम टेक्सटाइल, फैशन परिधान, लेदर गार्मेंटस व सहायक वस्तुएं
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क के लिए नीति बनाई गई है।