नशेड़ियों की सिरिंज ने बढ़ाई सरकार की चिंता, सेक्स वर्कर्स से 20% संक्रमित हुए

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(www.arya-tv.com) HIV एड्स…भीड़ में अगर कोई ये शब्द जोर से बोल दे, तो सारे लोग अपना काम छोड़कर उसी को देखने लगते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आज भी हमारे समाज में एड्स पर शर्मिंदगी वाली बीमारी का ठप्पा लगा है। लोग हंसते हैं। मौका मिलता है, तो मरीज से उल्टे-सीधे सवाल करते हैं। यही कारण है कि सरकार को HIV एक्ट बनाना पड़ा।

आज 1 दिसंबर यानी विश्व एड्स दिवस है। यानी जागरूकता का दिवस। इस बार की थीम है EQUALIZE, यानी बराबरी। पिछली बार End inequalities. End AIDS थीम था। मकसद हर बार एक ही रहा कि लोग जागरूक हों और इस लाइलाज बीमारी से मजबूती से लड़ें। यूपी में मरीजों का क्या हाल है? उन्हें कैसे इलाज मिल रहा? कौन सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहा? यह सब जानने के लिए हम नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के दफ्तर पहुंचे। आइए सब कुछ जानते हैं।

यूपी में 1.15 लाख HIV मरीजों का चल रहा इलाज
उत्तर प्रदेश में इस वक्त 1 लाख 15 हजार HIV पॉजिटिव मरीजों का इलाज प्रदेश के 75 अलग-अलग जिलों में हो रहा है। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के दिए आंकड़े के अनुसार 2011 से 2021 के बीच पूरे देश में 17 लाख 8 हजार 777 लोग असुरक्षित यौन संबंधों के चलते संक्रमित हुए हैं। यूपी इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है। सबसे ज्यादा मामले आंध्र प्रदेश में आए हैं।

ड्रग्स और समलैंगिक संबंध वालों ने बढ़ाई चिंता
असुरक्षित यौन संबंधों के अतिरिक्त जो इस वक्त सबसे ज्यादा घातक साबित हो रहा वह नशेड़ियों का सिरिंज के जरिए ड्रग्स लेना है। एक ही सिरिंज से एक साथ कई लोग नशा कर रहे, इससे उनके संक्रमित होने के चांस बढ़ गए हैं। एड्स कंट्रोल सोसाइटी की असिस्टेंट डायरेक्टर प्रभजोत कौर ने बताया, “2010 में 4.5 गुना मरीजों के संक्रमित होने का कारण ये सिरिंज ही थी। तमाम जागरूकता के बाद 2017 में थोड़ी सी कमी आई, लेकिन यह कमी भी केवल एक फीसदी ही घटी।”

जेल में संक्रमित हुए, जमानत पर छूटे तो ‘गायब’ हो गए
6 सितंबर 2022 को बाराबंकी जेल में 26 कैदी HIV संक्रमित मिले। उसके पहले सहारनपुर जेल में 23 और गोरखपुर में 9 कैदी संक्रमित मिले थे। यूपी की जेलों में 300 से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में बाराबंकी वाले कैदियों का इलाज हो रहा। हैरान करने वाली बात ये कि जेल में संक्रमित पाए गए मरीज जब जमानत पर छूटे तो इलाज से नाता तोड़ लिया। वह अब अस्पतालों में नहीं पहुंच रहे। जो पता लिखाया था वह भी गलत निकला। ऐसे में इन्हें खोजना मुश्किल हो गया है।

कुल एड्स मरीजों में 31% सेक्स वर्कर्स से जुड़े
विभाग से हमें 2020 के आंकड़े मिले। 11% सेक्स वर्कर्स HIV संक्रमित मिले। 20% वो लोग थे जो सेक्स वर्कर्स के संपर्क में आए। 23% संक्रमित गे पुरुष मिले। इसकी वजह समलैंगिक सेक्स रहा। एक ही सिरिंज से इंजेक्शन लगवाने वाले 9% लोग संक्रमित हुए। इसमें ज्यादातर ड्रग्स एडिक्टेड वो युवा शामिल हैं जिनकी उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच है।

संक्रमितों की आपस में शादी करवा रहा विभाग
विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर प्रभजोत कौर ने बताया, “हम चाहते हैं कि लोग सामान्य जीवन जिएं। इसलिए अगर संक्रमित व्यक्ति की उम्र कम है और वह विवाह करना चाहता है तो हम उसकी डिटेल लिख लेते हैं। कोई और महिला अगर तैयार होती है तो उसकी शादी करवाते हैं। दो दिन पहले प्रतापगढ़ में एक संक्रमित जोड़े ने शादी की।” हालांकि इन्हें सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिलता।