सुप्रिया सुले का बड़ा दावा, एनसीपी में नहीं हुई टूट अजित पवार पार्टी के सीनियर नेता

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(www.arya-tv.com) एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी में मचे घमासान पर बड़ा बयान दिया है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने पुणे में कहा कि एनसीपी में कोई बगावत नहीं हुई है। अजित पवार ने पार्टी के रुख से अलग अपना अलग स्टैंड लिया है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि अजित पवार आज भी पार्टी के सीनियर नेता हैं मगर शरद पवार ही एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

सुप्रिया सुले ने जयंत पाटिल को महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष बताकर अजित पवार के दावे को भी नकार दिया। पुणे में सुप्रिया सुले के इस बयान से तरह-तरह की अटकलें लगाईं जा रही हैं।गुरुवार को एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले एक कार्यक्रम में शामिल होने पुणे पहुंची। वहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने एनसीपी में टूट पर बड़ा दावा किया। उन्होंने अजित पवार को भी एनसीपी का हिस्सा बताया।

सुप्रिया सुले ने कहा कि अजित पवार पार्टी के बड़े नेता हैं, उनके साथ कुछ नेताओं ने पार्टी से अलग रुख अपनाया है। पार्टी के अलग स्टैंड लेने की शिकायत स्पीकर राहुल नार्वेकर से की गई है। बता दें कि अजित पवार के बगावत के बाद शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत 8 विधायकों को अयोग्य करने की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी।

सीक्रेट मीटिंग का नतीजा है सुप्रिया का बयान !

पार्टी के बागियों के लिए सुप्रिया सुले की ओर से दिए गए बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि शरद पवार बगावत के बाद अजित पवार से नाराज तो हैं मगर वह किसी भी हालत में अपने विधायकों को खोना नहीं चाहते। इस कारण खुद शरद पवार भी अजित गुट के खिलाफ तल्ख टिप्पणी से बच रहे हैं। हालांकि उन्होंने बागियों के कार्यक्रम में अपनी तस्वीर के उपयोग पर आपत्ति जताई थी। चर्चा है कि अब अजित पवार ने अपने गुट के नेताओं को हिदायत दी है कि पार्टी के पोस्टरों पर शरद पवार की तस्वीर नहीं लगाई जाए।

सुप्रिया सुले के बयान से पार्टी में सुलह की चर्चा भी शुरू हो गई है। पिछली दो जुलाई को अजित पवार अपने चाचा से बगावत कर एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद से वह सुलह के लिए लगातार चाचा शरद पवार से मुलाकात कर रहे हैं। बताया जाता है कि इसके अलावा कई बार चाचा-भतीजे में सीक्रेट मीटिंग भी हुई है। पर्दे के पीछे चर्चा के बाद शरद पवार और सुप्रिया सुले के तेवर नरम पड़े हैं।