CM गहलोत के ‘ओलंपिक खेल’ के बाद अब बेटे वैभव का ‘चलेगा बल्ला’, RPL चुनाव में कितना होगा फायदा

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(www.arya-tv.com) चुनावी राज्य राजस्थान में इन दिनों राजनीतिक पार्टियों के बीच शह-मात का खेल चल रहा है। विधायक हों या मंत्री, मुख्यमंत्री हों या पूर्व मुख्यमंत्री, एक-दूजे को पटखनी देने की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा। इसी बीच जनता में अपनी पकड़ मजबूत करने की जोर आजमाइश भी चल रही है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर इसी महीने शुरू हो रहे राजस्थान प्रीमियर लीग (RPL) के आयोजन को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है।

27 अगस्त को वैभव गहलोत की अगुवाई में आरपीएल की शुरुआत होने जा रही है। राजनीतिक हलकों में आरपीएल की जोधपुर में आयोजन को खेल से ज्यादा राजनीतिक इवेंट के रूप में चर्चा है। इससे पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान ओलंपिक खेलों का आगाज किया था। अब इन दोनों आयोजनों को चुनाव से पहले मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश करार दिया जा रहा है। हालांकि अब देखना होगा कि चुनाव में इनका कितना फायदा होता है।

जोधपुर में आरपीएल की ‘ग्रांड आपनिंग सेरिमनी’

आरपीएल को राजनीतिक इवेंट बताए जाने के पीछे वजह मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत हैं। जोधपुर में पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद से उनकी राजनीतिक छवि को बेहतर करने की कोशिश जारी है। चुनावी मैदान में शिकस्त के बाद वैभव को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में अध्यक्ष चुना गया। आरसीए में एंट्री के साथ ही वैभव गहलोत ने मुखर होकर काम शुरू किया।

चार साल बाद राजस्थान में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मुकाबले करवाए। जयपुर को मेजबानी का मौका मिला। लेकिन अब आरपीएल में जयपुर को छोड़कर जोधपुर में आरपीएल की ‘ग्रांड आपनिंग सेरिमनी’ की जा रही है। विपक्ष के नेता इसे चुनाव से पहले जोधपुर के मतदाओं का लुभाने की कोशिश बता रहे हैं।

कपिल देव को बनाया ब्रांड एंबेसडर, यूथ में गजब का उत्साह

आरपीएल 27 अगस्त से शुरू हो रहा है। इसकी पंच लाइन ‘चलेगा बल्ला तो मचेगा हल्ला’ के साथ जमकर प्रचार किया जा रहा है। देश को 1983 में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव को इसका ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। आरपीएल की ग्रांड ओपनिंग सेरेमनी जोधपुर के बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में होगी। इस आयोजन को लेकर जोधपुर के यूथ में गजब का उत्साह है।

वैभव ने क्रिकेट तो मुख्यमंत्री ने 7 खेलों से लाखों को जोड़ा

वैभव गहलोत क्रिकेट के जरिए जोधपुर में अपना खोया आधार फिर से मजबूत करते दिख रहे हैं। उधर, उनके पिता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 20 दिन पहले 7 खेलों के जरिए लाखों लोगों तक सीधे जुड़ने का काम शुरू किया। उन्होंने ‘राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेल-2023’ का आगाज करते हुए गांव से शहर तक खेल प्रतिभाओं को मंच दिया।

इसमें कुल 7 खेलों में 58.51 लाख खिलाड़ी सीधे जुड़े हैं। पिछले साल 2022 में भी इन खेलों के माध्यम से मुख्यमंत्री गांव-गांव पहुंचे थे। एक-एक दिन में उन्होंने तीन-तीन जिलों में खेल आयोजनों तक पहुंचे थे। यही कारण है कि अब चुनावी साल में विपक्ष आरपीएल और ओलंपिक खेलों को वोट के लिए जनता तक पहुंचे का जरिया बता रहा है।