किसके सम्मान में खड़े हो गए CJI डीवाई चंद्रचूड़, कह दी भावुक करने वाली बात

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(www.arya-tv.com) जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग का अपना मकां नहीं होता. वसीम बरेलवी की यह शायरी 25 वर्षीय प्रज्ञा पर फिट बैठती है. प्रज्ञा के पिता सुप्रीम कोर्ट में कुक हैं, जबकि मां हाउसवाइफ हैं. तमाम बाधाओं के बाद भी प्रज्ञा ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिस पर न सिर्फ प्रज्ञा के माता-पिता, बल्कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी गर्व है.

प्रज्ञा ने कानून में स्नातकोत्तर डिग्री (एलएलएम के लिए अमेरिका की तीन मशहूर यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप हासिल की है. उनकी इस कामयाबी पर बुधवार (13 मार्च) को मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों ने प्रज्ञा को सम्मानित किया.

जजों ने प्रज्ञा को गिफ्ट में दीं किताबें

बुधवार की कार्यवाही शुरू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट के जज लाउंज में जुटे और खड़े होकर प्रज्ञा का अभिनंदन किया. प्रज्ञा अभी सुप्रीम कोर्ट के इन-हाउस थिंक-टैंक सेंटर के साथ एक कानून शोधकर्ता के रूप में जुड़ी हुई हैं. चीफ जस्टिस ने इस मौके पर प्रज्ञा को भारतीय संविधान पर सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश की ओर से साइन की गई तीन किताबें दीं और उनके माता-पिता को शॉल भेंट की. इस मौके पर चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में सभी मेहनती छात्रों को संसाधन मिलना चाहिए. उन्होंने  कहा, “यह न केवल सरकार की बल्कि नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा, जो उच्च अध्ययन करना चाहता है या खेल में उत्कृष्टता हासिल करना चाहता है, अपने सपने हासिल कर सके.”

सीजेआई को बताया प्रेरणा स्रोत

अन्य न्यायाधीशों ने भी प्रज्ञा को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें कोलंबिया लॉ स्कूल, शिकागो लॉ स्कूल और मिशिगन लॉ स्कूल सहित कई प्रतिष्ठित लॉ स्कूलों से स्कॉलरशिप मिलने के लिए बधाई दी. सीजेआई और अन्य न्यायाधीशों से सम्मान मिलने के बाद प्रज्ञा ने कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मुझे काफी प्रेरित किया है. वह युवा वकीलों को प्रोत्साहित करते हैं और उनके शब्द रत्नों की तरह हैं. वह मेरी प्रेरणा हैं.”