जम्मू कश्मीर में पत्थर बाजी कम, लेकिन समस्या अभी पूरी तरह से नही हुई खत्म

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(www.arya-tv.com) राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संवैधानिक प्रविधान अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं तेजी से कम हुई हैं। हालांकि यह समस्या अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डायरेक्टर जनरल (डीजी) कुलदीप सिंह ने यह बात कही। डीजी कुलदीप सिंह सीआरपीएफ की स्थापना की 82वीं वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

डीजी ने कहा कि पहले की तुलना में आज पत्थरबाजी की घटनाएं करीब 10 फीसद रह गई हैं। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2020 से विभिन्न ऑपरेशंस में 226 आतंकी मारे गए और 296 को पकड़ा गया। इनमें 215 आतंकी 2020 में मारे गए जबकि 11 आतंकी इस साल मारे गए। विभिन्न कार्रवाइयों में 378 हथियार और 41 आइईडी बरामद हुए हैं। इसी अवधि में एनकाउंटर और हमले की 275 घटनाएं हुई।

डीजी कुलदीप सिंह ने इस दौरान बंगाल चुनाव में सुरक्षाबलों की तैनाती का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि बंगाल में आठ चरणों में चुनाव के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 725 कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनमें से 495 कंपनियां राज्य में पहुंच चुकी हैं और अन्य के पहुंचने की प्रक्रिया जारी है। सीएपीएफ की एक कंपनी में 72 जवान होते हैं।

किसी की कार का दरवाजा खोलना गलत नहीं

हाल में सीआरपीएफ कमांडो द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट की कार का दरवाजा खोलने की घटना पर डीजी कुलदीप ने कहा, ‘ऐसे मामले में दरवाजा खोलना अनिवार्य नहीं है, लेकिन सुरक्षा के तहत ऐसा किया जा सकता है।’ हालांकि उन्होंने इस घटना के पहलुओं से अनभिज्ञता जाहिर की।