पहाड़ी इलाकों में दुश्मनों को तबाह कर देगी इजराइल से मिली स्पाइक NLOS मिसाइल, 30 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को हिट करने में सक्षम

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(www.arya-tv.com) पहाड़ी इलाकों में दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने के लिए भारत को इजराइल से स्पाइक NLOS मिसाइल मिली हैं। ये 30 किलोमीटर की दूरी तक अपने टारगेट को हिट कर सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इसका ट्रायल जल्द शुरू होगा। एजेंसी के सुत्रों के मुताबिक NLOS (नॉन लाइन ऑफ साइट) मिसाइलों को अब रूस के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में फिट किया जाएगा।

इससे उन लंबी दूरी के टारगेट्स को हिट किया जा सकेगा जो पहाड़ों में छिपे होते हैं। भारतीय वायुसेना ने 2 साल पहले इन मिसालों में अपनी दिलचस्पी जाहिर की थी। जब चीन ने ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में LAC के करीब बड़ी संख्या में टैंक और दूसरे लड़ाकू वाहन तैनात करना शुरू कर दिया था।

फिलहाल सरकार ने लिमिटेड संख्या में NLOS मिसाइलें ऑर्डर की हैं। बाद में इन्हें मेक इन इंडिया के तहत ज्यादा संख्या में हासिल किया जाएगा। रूस के खिलाफ यूक्रेन भी इस तरह की एंटी टैंक और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों को इस्तेमाल कर रहा है। ये उसे युरोपीय देशों और अमेरिका से हासिल हुई हैं। यूक्रेन जंग में इस तरह की मिसाइलों के इस्तेमाल ने इनकी जंग के दौरान अहमियत पर मुहर लगा दी है।

हवा से दागीं गई NLOS मिसाइलें न सिर्फ दूरी से बल्कि जंग के मैदान में ग्राउंड टारगेट पर कम दूरी पर रहकर भी दुश्मन की सेना को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं। पिछले 2 सालों में चीन से बढ़ी तनातनी के बीच भारतीय सेना और वायु सेना तेजी से अपने हथियारों के जखीरे को बढ़ा रही है। इनमें विदेशी और देश में बने हथियारों को इकट्ठा किया जा रहा है।

इजराइल स्पाइक मिसाइल के अलग-अलग वेरिएंट्स ने दुनियाभर में कई युद्धों में अपनी ताकत दिखाई है। स्पाइक मिसाइल ने 1982 लेबनान युद्ध, दूसरा इंतिफादा, इराक युद्ध, 2006 लेबनान युद्ध, अफगानिस्तान में युद्ध (2001-2021), गाजा युद्ध, 2014 इज़राइल-गाजा संघर्ष और 2020 नागोर्नो-काराबाख संघर्ष में अहम भूमिका निभाई। मिसाइल को 1970 के दशक में डिजाइन किया गया था। यह 1981 से ही सेना में शामिल है। वर्तमान में इस मिसाइल की चौथी जेनरेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

स्पाइक एनएलओएस के एक यूनिट की कीमत 210,000 डॉलर है। 2017 तक इसकी 28500 यूनिट बनाई जा चुकी हैं। स्पाइक NLOS जून 2022 में, राफेल ने स्पाइक एनएलओएस 6वीं पीढ़ी का अनावरण किया, जिसकी रेंज 50 किलोमीटर तक बताई गई थी। इस वेरिएंट का सेल्वो फीचर एक बार में चार मिसाइलों को लॉन्च कर सकता है।