ED दफ्तर पहुंचीं संजय राउत की पत्नी वर्षा:दोनों को आमने-सामने बैठाकर होगी पूछताछ

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(www.arya-tv.com) शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत पात्रा चॉल घोटाले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुंची हैं। ED से जुड़े सूत्रों ने बताया कि संजय और वर्षा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी। संजय राउत सोमवार तक ED की कस्टडी में हैं। 4 अगस्त को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने राउत की कस्टडी बढ़ाई थी।

राउत ने कोर्ट में कहा था- पंखा दिला दो
इससे पहले, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने संजय राउत से पूछा- आपको कोई दिक्कत है क्या? राउत ने कहा- जहां कस्टडी में रखा वहां वेंटिलेशन नहीं है। उन्होंने पंखे की मांग की। ED ने कोर्ट में कहा कि हमने उनको AC में रखा है, संजय राउत झूठ बोल रहे हैं।

ED ने वेंटिलेशन वाला रूम उपलब्ध कराने की बात कही और कहा कि इनके और परिवार के अकाउंट में 1 करोड़ 6 लाख कैसे आए और विदेश दौरे पर कितना खर्च किया, उसकी जांच कर रहे हैं। हमें रेड में कुछ कागजात मिले हैं, जिससे पता चलता है कि राउत को हर महीने प्रवीण द्वारा एक निश्चित रकम दी जाती थी।

राउत के वकील ने कहा- वर्षा राउत के अलीबाग प्लॉट को लेकर सभी कागज पत्र ED को पहले ही दिए जा चुके हैं। स्वप्ना पाटकर के वकील ने कहा कि संजय द्वारा स्वप्ना पाटकर को धमकाया जा रहा है। जज ने कहा जब संजय राउत गिरफ्तार हैं, तो धमका कौन रहा है।

3 करोड़ के नए पॉइंट पर रद्द हुई जमानत
पात्रा चॉल घोटाले की जांच कर रही ED ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत ने 10 प्लॉट खरीदने के लिए 3 करोड़ रुपए कैश दिए थे। संजय राउत को ये कैश प्रवीण राउत की ओर से मिला था। संजय राउत के लिए प्रवीण ‘फ्रंटमैन’ की तरह थे। वो संजय राउत को हर महीने लाखों रुपए कैश भी भेजते थे। इसी 3 करोड़ के नए खुलासे के आधार पर ED जमानत का विरोध किया। जज ने जमानत याचिका रद्द करते हुए सोमवार तक कस्टडी बढ़ा दी है।

राउत के घर साढ़े ग्यारह लाख की नकदी मिली
इधर, सूत्रों ने बताया कि रविवार को संजय राउत के घर की तलाशी के दौरान ED को साढ़े ग्यारह लाख रुपए नकद मिले हैं। राउत या उनके परिवार के लोग इस रकम का सोर्स नहीं बता सके हैं। ED ने इस रिकवरी को अपनी जांच में दर्ज कर लिया है। पात्रा चॉल घोटाला 1,043 करोड़ रुपए का है। राउत इस केस में आरोपी हैं।

अब तक 11 करोड़ की संपत्ति जब्त
यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1,034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की 9 करोड़ रुपए और राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।

आरोप है कि रियल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3,000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष MHADA और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन साल 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

PMC बैंक घोटाले की जांच में उजागर हुआ मामला
2020 में महाराष्ट्र में सामने आए PMC बैंक घोटाले की जांच हो रही थी, तभी प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपए का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था।

प्रवीण की कंपनी ने 16 बिल्डर्स को बेची जमीन
ED की जांच में सामने आया है कि MHADA की जमीन की FSI को अनधिकृत तरीके से लेने के बाद गुरु आशीष कंपनी ने तेजी से इसे 16 अन्य बिल्डर्स को बेचा। प्रवीण राउत इसी कंपनी में एक डायरेक्टर थे। इससे गुरु आशीष कंपनी को एक बड़ा आर्थिक मुनाफा हुआ। हालांकि, यह प्रोजेक्ट अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत ही तैयार हुआ है। इसे पूरा करने के लिए गुरु आशीष कंपनी को एक बड़ा अमाउंट चाहिए, लेकिन वह अब दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया में है।

अनधिकृत तरीके से जमीन बेचने के बदले मिले 112 करोड़
ED के मुताबिक, पात्रा चॉल में रहने वालों ने MHADA और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ ट्रिपल एग्रीमेंट किया था। इस एग्रीमेंट में गुरु आशीष कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण राउत की महत्वपूर्ण भूमिका थी। ओरिजिनल एग्रीमेंट यह कहता है कि गुरु आशीष कंपनी MHADA की किसी भी जमीन को किसी थर्ड पार्टी को नहीं बेच सकती। इसके बावजूद जमीन को धोखे से बेचा गया।

इसके बदले में HDIL (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) से प्रवीण राउत को 2010-2011 में 112 करोड़ रुपए मिले। ED के मुताबिक, अवैध ढंग से पैसे लेने के बाद इसे पात्रा चॉल परियोजना में निवेश करने के बजाय, मेसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड ने पैसा निकाल लिया। खास यह है कि प्रवीण राउत ने परियोजना में कोई पैसा निवेश नहीं किया था।

संजय राउत के साथ मिलाकर रची गई साजिश
ED ने आगे दावा किया है कि PMLA मामले की जांच के दौरान यह पता चला है कि संजय राउत, प्रवीण राउत, राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन ने मिलकर साजिश रची। चारों ने इस परियोजना को पूरा किए बिना 672 परिवारों के भविष्य को खतरे में डाला और पैसे निकालने की साजिश की। बता दें कि संजय राउत के अलावा तीन अन्य को ED पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

राउत और उनकी पत्नी को मिले 1 करोड़ रुपए से ज्यादा
ED ने अपनी जांच के आधार पर अदालत को बताया है कि 112 करोड़ में से अब तक संजय राउत और उनकी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए 1 करोड़ 6 लाख 44 हजार 375 रुपयों का पता लगाया है।