शिमला: घरों में दरारें.. धंसी हुईं सड़कें.. आखिर हिमाचल की खूबसूरती को ये किसकी नजर लगी?

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(www.arya-tv.com)  एक आशियाने को बनाने में खून पसीने की कमाई के साथ सालों की मेहनत भी लगती है। जरा सोचिए उस आशियाने को अगर छोड़ कर जाना पड़े और वापस आने का कोई जरिया ना बचे तो ऐसे व्यक्ति पर क्या बीतेगी? ऐसा ही कुछ शिमला में रह रहे लोगों के साथ हो रहा है। लगातार हो रही बारिश के बाद शिमला के कई स्थानों पर लैंडस्लाइड हुआ है। लैंडस्लाइड की वजह से लोगों की घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। कुछ घरों के नीचे की मिट्टी बह गई।

किसी भी वक्त उनके घर गिर सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए यहां रहने वालें लोगों ने पलायन भी शुरू कर दिया है। पहाड़ की ढलाव पर बसे समरहिल और कृष्णानगर के कई घर खत्म होने के कगार पर है। यहां रहने वाले कुछ परिवारों को राहत शिविरों शिफ्ट किया गया है, लेकिन दिन में यह लोग घरों में चले आते हैं। क्योंकि इन्हें अपने आशियाने की चिंता है।घरेलू खरीदारी की होड़ – मिक्सर ग्राइंडर, गीजर, वॉटर प्यूरीफायर और अन्य पर 70% तक की छूट।

शिमला के कई अन्य स्थानों पर भी अब जमीन और सड़कें धंस रही हैं और भवनों को खतरा पैदा हो गया है। शिमला में जाखू की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सड़क में काफी मोटी दरारें आ गई है। इसी तरह हिमलैंड में लैंडस्लाइड के बाद एक भवन को खतरा पैदा हो गया है। अब यहां आसपास से पेड़ काटे जा रहे हैं। वहीं शिमला के समरहिल में स्थित शिव मंदिर, फागली और कृष्णानगर में पिछले दिनों भूस्खलन हुआ था। जिसमें अबतक 22 लोगों की मौत हो चुकी है।

छह लोगों के अब भी मंदिर के मलबे में दबे होने की आशंका है।शिमला की आर्मी कॉलोनी की रहने वाली रेखा देवी ने बताया कि हमारी इमारत असुरक्षित हो गई है। वहां रहने वाले सभी लोग अपने मूल स्थानों पर चले गए हैं क्योंकि उन्हें यहां कमरा नहीं मिल रहा है। मैंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। उन्होंने बताया कि यहां पर 6 से 7 परिवार रहते थे। वो सभी लोग अन्य राज्यों से थे। सभी लोग अपने-अपने गांव को लौट गए हैं।

हिमाचल में अबतक 330 लोगों की मौत

हिमाचल में करीब ढाई महीने से लगातार बारिश, प्राकृतिक आपदा हिमाचल में कहर बरपा रही है। चारों तरफ तबाही का मंजर लोगों को डरा रहा है। वहीं राज्य के अधिकांश जिलों में भारी नुकसान हुआ है। बारिश और भूस्खलन की वजह से प्रदेश में अब तक 330 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा राज्य में 324 लोग अलग-अलग घटनाओं में घायल भी हुए हैं। वहीं 37 लोग अभी भी लापता हैं।