अतीक के नौकर ने किए सनसनीखेज खुलासे:माफिया के ध्वस्त घर से बैग बरामद

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(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद के पांच गुर्गों नियाज अहमद, मोहम्मद सजर, कैश अहमद, अरशद कटरा और राकेश उर्फ लाला से पुलिस ने कस्टडी रिमांड में पूछताछ की। रिमांड के दौरान पुलिस को कई सनसनीखेज और अहम जानकारियां मिली हैं। अतीक के नौकर राकेश उर्फ लाला की निशानदेही पर चकिया स्थित अतीक के ध्वस्त घर से मंगलवार की देर रात एक बैग बरामद किया गया है। बैग से एक आईफोन, रजिस्टर और अतीक के पांच लाख के इनामी बेटे असद का आधार कार्ड बरामद हुए हैं। रजिस्टर में हिसाब-किताब दर्ज मिला।

अतीक के कार्यालय से मिले 74 लाख 72 हजार रुपए शाइस्ता ने दिए थे
पुलिस ने पांचों अभियुक्तों को 24 घंटे की रिमांड पर लेकर मंगलवार को सुबह नौ बजे से पूछताछ की तो कई राज खुले। राकेश और कैश अहमद ने पुलिस को बताया कि अतीक के कार्यालय में जो रुपए और असलहे बरामद हुए थे, वह उन्हें शाइस्ता परवीन ने दिए थे। इसके अलावा शाइस्ता परवीन ने शूटरों के परिवार वालों को एक-एक लाख रुपए दिए थे। राकेश और कैश अहमद ने पुलिस को अतीक के कुछ और गुर्गों के नाम बताए हैं, जिन पर शाइस्ता बहुत विश्वास करती थी। पुलिस अब उनकी तलाश में दबिश दे रही है।

रजिस्टर में लिखा है हिसाब-किताब
अतीक के चकिया स्थित घर से जो रुपए बरामद किए गए हैं, उसमें हिसाब-किताब लिखा है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद तमाम लोगों को रुपए बांटे गए थे। तमाम नाम और उनके आगे कितना पैसा दिया गया था, यह लिखा है। उमेश पाल की हत्या से संबंधित तमाम राज रजिस्टर में दर्ज मिले हैं। अतीक के बेटे असद का आधार कार्ड भी बैग में मिला। राकेश और कैश ने पूछताछ में यह भी बताया है कि अतीक के करबला स्थित कार्यालय से जितने असलहे, कारतूस और कैश बरामद हुआ था। वह सब शाइस्ता ने छिपाने को दिए थे।

पुलिस ने तैयार की थी 50 सवालों की लिस्ट
पुलिस ने अतीक के गुर्गों से राज उगलवाने के लिए 50 सवालों की लिस्ट तैयार की थी। इन सवालों के जवाब में गुर्गों ने कई अहम जानकारियां दी हैं। अतीक अहमद के खास गुर्गे कैश अहमद ने बताया कि हत्याकांड से पहले रुपए और मोबाइल देने की जिम्मेदारी अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे असद ने उठा रखी थी। बाद में शाइस्ता ने शूटर और उनके परिवार वालों को रुपए पहुंचाए थे।

पूछताछ में यह भी पता चला कि असद ने नियाज अहमद से 12 फरवरी को ही संपर्क किया था। नियाज अहमद, मोहम्मद सजर और अरशद को उमेश पाल के घर की रेकी करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद नियाज ने अगले ही दिन से उमेश पाल की गतिविधियों की पूरी जानकारी असद को मुहैया करानी शुरू कर दी थी। उमेश के पड़ोसी मोहम्मद सजर ने उमेश की 13 फरवरी से हर गतिविधि, मिलने-जुलने वालों की जानकारी फेसटाइम ऐप के माध्यम से आईफोन से देता रहा।