सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया क्षेत्र के 55 स्कूलों में 5-5 झूलों का अनावरण

Lucknow

पंडित बृजेश कुमार मिश्रा

  • बच्चों के चेहरों पर मुस्कान सबसे अनमोल – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • बच्चे हँसते-खेलते और मुस्कुराते स्कूल जाएँ इसके लिए जरूरी है उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ-साथ खेलने के बेहतर संसाधन भी मिलें – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सरोजनी नगर के सभी प्राइमरी स्कूलों में झूले लगवाना मेरा लक्ष्य- डॉ. राजेश्वर सिंह

(www.arya-tv.com)लखनऊ। सरोजनीनगर के सभी बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखना तथा उन्हें स्कूल जाने को लेकर अभिरूचि बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्र में ना केवल स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है बल्कि प्राइमरी स्कूलों में झूले भी लगवाए जा रहे हैं। यह प्रयास है विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का। उनकी कोशिश है कि हर बच्चे को गुणवत्तापरक शिक्षा और खेलकूद से सभी संसाधन उपलब्ध हो। अपने इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सोमवार को डॉ. राजेश्वर सिंह ने क्षेत्र के 55 प्राइमरी स्कूलों को विभिन्न झूलों की सौगात दी।

इस संबंध में विकास खंड सरोजनी नगर के प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द में विशाल अनावरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां डॉ. राजेश्वर सिंह ने क्षेत्र के 55 प्राइमरी स्कूलों को 5-5 झूलों की सौगात दी। इन झूलों में स्लाइडर, सीसॉ, मंकी बार, मैरी गो राउंड और स्विंग श्रेणी के झूले शामिल है। इस दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने बच्चों के साथ झूला झूला, पटाखे जलाए और उनका मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। तत्पश्चात डॉ. राजेश्वर सिंह ने विद्यालय के मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया। साथ ही सभी बच्चों को पढ़ाई से संबंधित किट देकर सम्मानित किया। डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि कोई भी राष्ट्र तभी सशक्त होगा जब उसकी मजबूत नींव हो। बच्चे देश की नींव हैं, गुणवत्तापरक शिक्षा व बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त कर वे सशक्त राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के चेहरे की मुस्कान मुझे नई ऊर्जा प्रदान करती है, उनके विकास से संबंधित हर सुविधा संसाधन उपलब्ध कराना मेरा कर्तव्य है।

बच्चों के मानसिक विकास के लिए स्कूलों का कायाकल्प कर बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उनके शारीरिक विकास के लिए स्कूलों में खेलकूद की व्यवस्था है। हर स्कूल में झूले लगवाए जा है। बेसिक शिक्षा परिषद् के आंकलन में क्षेत्र के 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे निपुण की श्रेणी में शामिल हैं, यह हम हमारे लिए गौरव का विषय है। सरोजनीनगर का समग्र विकास मेरी प्राथमिकता है। बच्चों के साथ-साथ बेटियों के उत्थान को लेकर क्षेत्र में कार्य निरंतर जारी है। बेटियों की शिक्षा के लिए हर संसाधन उपलब्ध करावाया जा रहा है। अब तक 3 कॉलेजों में 5-5 कंप्यूटर्स देकर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कराई गई है, अन्य में लगवाने का प्रयास जारी है। बेटियों को पढ़ने के लिए हर संसाधन उपलब्ध हो, इसके लिए भी मेरा प्रयास जारी है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि वृद्धजनों का आशीर्वाद ही मेरी परम पूंजी हैं। राम मंदिर के दर्शन के लिए ‘रामरथ श्रवण यात्रा’ निरंतर जारी है जिसके माध्यम से वृद्धजनों को रामलला के दर्शन करवाए जा रहे हैं। मेरी आकांक्षा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ‘रामरथ श्रवण यात्रा’ के माध्यम से राम मंदिर के दर्शन करें।

उन्होंने बताया कि माताओं-बहनों को कार्य दिलाने की दिशा में कार्य जमीनी स्तर पर जारी है। स्वयं सहायता समूहों के चार क्लस्टरों को सिलाई मशीनें अब तक दी जा चुकी हैं। महिलाओं की ट्रेनिंग सेंटर खुलवाए गए हैं जहां उनकी ट्रेनिंग करवाई जा रही है। उन्हें काम के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में मेरा प्रयास जारी है। मेरा लक्ष्य है कि 5 वर्षों में इस तरह के 100 ट्रेनिंग सेंटर क्षेत्र में खुलें तथा 3 से 5 हजार सिलाई मशीनें महिलाओं को उपलब्ध हो। साथ ही उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को बाजार दिलाने व उसका सही मूल्य दिलाने का भी मेरा प्रयास है।

कार्यक्रम में वीना त्रिपाठी, प्रिसिंपल आभा शुक्ला, गंगाराम अंबेडकर, रमा शंकर त्रिपाठी, राजेश सिंह चौहान, शंकरी सिंह, मंडल अध्यक्ष राजकुमार जौहरी, ब्लॉक प्रमुख सुनील रावत व बड़ी संख्या में बच्चे तथा क्षेत्रवासी मौजूद रहे।