शासन ने पूछा- इंजेक्शन लगते कैसे बिगड़ी प्रसूताओं की तबीयत:जांच को भेजा सैंपल

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(www.arya-tv.com) गोरखपुर के जिला महिला अस्पताल में 50 से अधिक प्रसूताओं की इंजेक्शन लगने तबीयत बिगड़ने के अब स्वास्थ्य महकमा और ड्रग डिपार्टमेंट भी नींद से जाग गया है। महिला अस्पताल के 100 शैया के MCH विंग में भर्ती जिन महिलाओं को जो एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाए गए थे, उनका नमूना ड्रग विभाग ने शुक्रवार को ले लिया है। यह नमूने जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजे जाएंगे।

वहीं, दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने ड्रग कॉर्पोरेशन को एंटीबायोटिक इंजेक्शन वापस कर दिए हैं। साथ ही उस बैच के इंजेक्शन पर रोक लगाने के लिए पत्र भी भेज दिया है। शासन ने भी पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। जबकि, शासन ने भी इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है।

ग्रीनलैंड अस्पताल को दे दी क्लीन चीट
हालांकि, इससे पहले भी शहर के ग्रीनलैंड अस्पताल में नियमित ​टीका लगने से तीन मासूमों की मौत के बाद इन्हीं दोनों विभागों ने नमूना लिया था और मामले की जांच कराई थी। हालांकि, शुरू में इस मामले में ग्रीनलैंड अस्पताल के आरोपी डॉक्टर को बचाने में लगे स्वास्थ्य विभाग ने अपनी जांच में क्लीन चिट भी दे दी। जबकि, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुधीर गुप्ता के प्राइवेट अस्पताल चलाने के मामले में भी विभाग ने अपनी आंखें बद कर ली।

LIU भी रही अलर्ट
वहीं, महिलाओं की स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को CMO डॉ. आशुतोष कुमार दूबे मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने मरीजों से एक-एक करके पूरे मामले की जानकारी ली है। इसके अलावा महिला अस्पताल के SIC डॉ. जय कुमार ने भी मरीजों से उनके सेहत के बारे में पूछा है। अब महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ है। इस पर विभाग ने राहत की सांस ली है। सूचना पर LIU की टीम भी मौके पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी हासिल की है।

उधर, महिला अस्पताल के SIC डॉ. जय कुमार ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड (UPMSCL) को पत्र भेजकर एंटीबायोटिक इंजेक्शन एमोक्सिसिलीन के बैच नंबर एबी-193009, जेंटामाइसिन बैच नंबर यूडी 32 और मेटाक्लोरोमाइड के बैच नंबर एमटी 12249 को रोक लगाने को कहा है।

उन्होंने बताया है कि एमोक्सिसिलिन के 310 वायल, जेंटामाइसिन के 2000 एंपुल और मेटाक्लोराेमाइड के दो हजार एंपुल की आपूर्ति UPMSCL के ड्रग वेयर हाउस से की गई थी। इस इंजेक्शन के लगने के बाद महिलाओं की हालत बिगड़ गई थी। अस्पताल प्रशासन ने इस इंजेक्शन को ड्रग विभाग को वापस भी कर दिया है।