(www.arya-tv.com) चंद्रयान-3 मिशन के रोवर प्रज्ञान ने लैंडर विक्रम की तस्वीर ली है। इसरो ने इस तस्वीर को साझा करते हुए लिखा ‘स्माइल प्लीज!’ इसरो ने बताया कि रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरा ने यह तस्वीर ली है। इस खास कैमरे को लैबोरेट्री फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम्स द्वारा विकसित किया गया है। इसरो ने बताया कि रोवर प्रज्ञान ने 30 अगस्त को भारतीय समयनुसार सुबह 7.35 बजे यह तस्वीर खींची।
इसरो का चंद्रयान-3 मिशन लगातार चांद से जुड़ी रोचक जानकारियां भेज रहा है। चांद की सतह पर घूम रहे चंद्रयान-3 मिशन के रोवर प्रज्ञान ने दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है। अंतरिक्ष विज्ञानी टीवी वेंकटेशवरन ने बताया कि ‘रोवर ने चांद पर कुछ विशेष तत्वों की खोज की है। अभी यह चांद की सतह पर और जगह जाएगा और तत्वों की कंपोजिशन और कंसंट्रेशन की जानकारी हासिल करेगा।’
टीवी वेंकटेशवरन ने बताया कि ‘पहले से ही चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के साथ ही अमेरिका के ऑर्बिटर्स ने रिमोट सेंसिंग और मैपिंग से चांद की सतह पर खनिजों के भंडार होने की जानकारी दी है, लेकिन रिमोट सेंसिंग करीब 100 किलोमीटर दूर आसमान से की गई है…इसलिए चांद की कुछ जगहों पर उतरने की जरूरत है। इसके बाद रिमोट सेंसिंग के डाटा और रोवर के डाटा के मिलान के बाद ही हमारा रिमोट सेंसिंग डाटा पर विश्वास बढ़ेगा।’
चंद्रयान-3 की सफलता से खुश देशवासियों को इसरो जल्द ही एक और खुशी देने की तैयारी कर रहा है। दरअसल इसरो अपने पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 को आगामी दो सितंबर को लॉन्च करने वाला है। आदित्य-एल1 से लैस भारत का लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी लॉन्चिंग पैड पर पहुंच चुका है।
इसरो ने इसकी तस्वीरे भी साझा की हैं। अंतरिक्ष विज्ञानी डॉ. आरसी कपूर ने आदित्य एल1 मिशन को अंतरिक्ष में ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएसएलवी, इसरो की विश्वसनीय मशीन है….इसरो के अधिकतर लॉन्च में पीएसएलवी का ही इस्तेमाल किया जाता है। पीएसएलवी 3200 किलो पेलोड लेकर पृथ्वी की निचली कक्षा तक जा सकता है और करीब 1400 किलो पेलोड को लेकर पृथ्वी की भूस्थैतिक कक्षा तक जा सकता है।