रेलवे के सेवानिवृत्त इंजीनियर को सजा, 50 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

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कानपुर(www.arya-tv.com) फर्रुखाबाद जिले में बेचने के उद्देश्य से रेलवे की संपत्ति कब्जे में रखने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे ने सेवानिवृत्त सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ) को तीन साल की सजा सुनाई है। उन पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। कानपुर के मंधना स्टेशन पर तैनाती के दौरान उनके पास से रेलवे की संपत्ति पकड़ी गई थी।

जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने दोषी को एक सप्ताह के लिए जमानत भी दे दी। लखनऊ के एलडीए आवास विकास कॉलोनी निवासी राम मोहन रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ) थे।

वर्ष 2001 में उनकी तैनाती मंधना रेलवे स्टेशन पर थी। 24 जुलाई 2001 को मुखबिर की सूचना पर इंटेलीजेंस गोरखपुर ब्रांच के एसपी बेचन सिंह ने राम मोहन के मंधना रेलवे स्टेशन के आवास पर दबिश दी थी। उनके आवास के आसपास जमीन में दबाकर रखा गया रेलवे लाइन में प्रयोग होने वाला सामान बरामद किया गया था।

आरोप था कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने रेलवे की संपत्ति को बेचने के उद्देश्य से जमीन पर दबाकर रखी थी। इंजीनियर राम मोहन के खिलाफ आरपीएफ थाना फतेहगढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपी के खिलाफ रेलवे कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व लोक अभियोजक संजय श्रीवास्तव ने दलीलें पेश कीं। साक्ष्यों के आधार पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलवे ने आरोपी राम मोहन को दोषी करार दिया। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई और 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया।