”डेढ़ महीने बाद भी नहीं पकड़े गए बेटी के हत्यारे”:CM योगी से लेकर अखिलेश यादव तक लगाई गुहार

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(www.arya-tv.com) गोरखपुर में 7वीं की छात्रा के सुसाइड मामले में छात्रा की मां ने मंगलवार को SSP डॉ. गौरव ग्रोवर से मुलाकात की। SSP से मिलकर एक बार फिर छात्रा की मां ने इंसाफ की गुहार लगाई। हर बार की तरह इस बार भी उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन देकर लौटा दिया गया।

SSP से मिलकर निकलने के बाद छात्रा की मां ने बताया, ”घटना के डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी इंसाफ नहीं मिला। परिवार इंसाफ के लिए दर- दर भटक रहा है। सीएम योगी से लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक से मिल चुकी हैं।

अखिलेश ने दिया था मदद का भरोसा
अखिलेश यादव ने एक लाख रुपए की आर्थिक मदद करने के साथ ही मदद का भरोसा दिया था। लेकिन, हत्या का केस दर्ज कर मामले को सुसाइड बताने वाली गोरखपुर पुलिस ने अब तक ब्लैक​मेलिंग करने वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की।”

पुलिसवालों पर भी नहीं हुई कार्रवाई
इस दौरान छात्रा की मां संग पुलिस दफ्तर पहुंचीं जन मोर्चा की प्रदेश की अध्यक्ष सीमा गौतम ने पीड़ित परिजनों से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की मांग की। हालांकि, परिवार के लोग पहले दिन से ही दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मां कर रहे हैं।

हालांकि, सीमा गौतम ने एक दिन पहले ही यह बता दिया था कि वे मोर्चा के कार्यकर्ताओं संग पीड़ित परिवार को लेकर SSP से मुलाकात करेंगी। ऐसे में एक दिन पहले ही पुलिस उनके घर नोटिस लेकर पहुंच गई। नोटिस में कहा गया है, ”जिले में धारा 144 लागू है। ऐसे में 5 व्यक्ति से कम लोग ही जाकर SSP से मिल सकेंगे। वहीं, पीड़ित परिवार के SSP दफ्तर पहुंचने से पहले ही यहां महिला थाना समेत भारी फोर्स भी बुला ली गई थी।

कमरे में लटकी मिली थी लाश, सुसाइड नोट नहीं मिला
दरअसल, 25 दिसंबर की रात गोरखपुर में छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। वह काली मंदिर गली के पुर्दिलपुर मोहल्ले में किराए पर रहती थी। घर के कमरे में उसकी फंदे से लटकती हुई लाश मिली थी। मकान मालिक की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने मां को फोन करके बताया कि आपकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है।

अंतिम संस्कार कराना चाहती थी पुलिस
फिर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। सोमवार सुबह गांव से घर पहुंचे छात्रा के परिवार वालों ने मकान मालिक और अन्य किराएदारों पर गैंगरेप के बाद हत्या कर फांसी पर लटकाने के आरोप लगाने लगे।

इतना ही नहीं, इस मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद जबरदस्ती छात्रा के शव का अंतिम संस्कार कराने की कोशिश करने लगी। पुलिस छात्रा का शव मेडिकल कॉलेज से घर न लाकर सीधा राजघाट लेती गई। छात्रा के परिवार वालों को पुलिस ने रास्ते में ही गाड़ी से उतार दिया।