(www.arya-tv.com)मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का प्राकट्य उत्सव रविवार यानी 10 अप्रैल नवमी तिथि को मनाया जाएगा। सनातन धर्मावलंबी प्रभु का प्राकट्य मनाकर दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति की कामना करेंगे। प्रभु का प्राकट्य (जन्म) चैत्र शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को कर्क लग्न व कर्क राशि में हुआ था। अबकी रविपुष्य योग लगने से दोनों का संयोग बन रहा है।
ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार नवमी तिथि शनिवार की रात 10.26 से रविवार की रात 12.08 बजे तक रहेगी। रविवार को दिन में 11.43 से 2.01 बजे तक कर्क लग्न है। कर्क राशि में चंद्रमा का संचरण होगा। साथ ही पुष्य नक्षत्र लगने से रविपुष्य योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। सच्चे हृदय से श्रीराम का प्राकट्य मनाने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
घरों को सजाएं, करें पूजन : आचार्य विद्याकांत
पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार श्रीरामनवमी को भगवा ध्वज, पताका, तोरण और बंदनवार से घर सजाना चाहिए। प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत्त होकर भगवान श्रीराम की मूर्ति को शुद्ध पवित्र ताजे जल से स्नान कराकर नए वस्त्र व आभूषण धारण कराना चाहिए। कर्क लग्न लगने पर मूर्ति अथवा चित्र पर धूप-दीप, आरती, पुष्प, पीला चंदन अर्पित करते हुए भगवान की पूजा करें। श्रीराम को गाय के दूध, दही, देशी घी, शहद, चीनी से बना पंचामृत अर्पित करें। श्रीरामचरितमानस के बाल्यकांड का श्रद्धा से पाठ करना अथवा श्रवण करना चाहिए। श्रीराम का भजन, पूजन, कीर्तन करें।