बरसात के पानी से बढ़ सकता है हैजा का खतरा, जानें कैसे होगा बचाव

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(www.arya-tv.com) बारिश के मौसम में वातावरण में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है। इससे कई प्रकार के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। इनसे लोग बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन का शिकार बन जाते हैं। बरसात में वी कॉलरी नाम का बैक्टीरिया भी काफी एक्टिव हो जाता है। इस बैक्टीरिया की वजह से लोग हैजा की चपेट में आ जाते हैं। हैजा का संक्रमण होने के बाद शरीर में पानी की कमी होने लगती है। अगर कुछ ही समय में इलाज न मिले तो मरीज की मौत तक हो सकती है।

डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमित भोजन और पानी की वजह से वी कॉलरी बैक्टीरिया लोगों के शरीर में चला जाता है। इससे बॉडी में जाने के बाद पांच से छह घंटे के भीतर ही हैजा के लक्षण दिखने लगते हैं। हैजा फैलाने वाला बैक्टीरिया गंदे पानी, सी फूड और कच्चे फलों में पनपता है।

इनके जरिए ये इंसान के शरीर में चला जाता है। गले से ये बैक्टीरिया आंतों में जाता है और पेट में कई तरह की परेशानियां खड़ी कर देता है। इस बीमारी से संक्रमित होने पर अगर समय पर इलाज न कराएं तो मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है। आइए एक्सपर्ट से इस बीमारी के बारे में डिटेल में जानते हैं।

सफदरजंग हॉस्पिटल में डॉ. दीपक सुमन बताते हैं कि हैजा फैलाने वाला बैक्टीरिया आंतों में जाने के कुछ समय बाद लक्षण दिखाना शुरू कर देता है। अलग- अलग लोगों में लक्षण दिखने की अवधी में अंतर हो सकता है। हैजा होने पर शुरू में दस्त होते हैं, जो लगातार कई दिनों तक बने रहते हैं। ऐसे में अगर किसी को दस्त की समस्या हो रही है तो इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें।

उल्टी आना और ज्यादा प्यास लगना भी इस बीमारी का एक लक्षण होता है। खासतौर पर अगर आप ऐसे इलाके में जहां काफी गंदगी है या आसपास गंदा पानी है तो उल्टी लगना हैजा होने का बड़े संकेत हो सकता है। अगर लगातार ये समस्या बनी हुई है तो आपको इलाज कराना चाहिए।

उल्टी के अलावा अगर आपको जरूरत से ज्यादा प्यास लग रही है तो ये भी हैजा का लक्षण है। ऐसा इसलिए क्योंकि हैजा होने की वजह से शरीर से पानी सूख जाता है। इससे पानी की कमी होने लगती है और प्यास बढ़ जाती है।

ऐसे करें बचाव

साफ सफाई का ध्यान रखें

हाथ धोकर भोजन करें

गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें

अगर पानी देर तक खुला है तो उसे न पीएं