रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, राजनीतिक में आने वाले परिवार के पहले सदस्य है

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लखनऊ (www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हर बार की तरह अबकी भी दबंग नेताओं की कमी नहीं है। अपने क्षेत्र में दबदबा रखने वाले ये नेता चुनावों को भी प्रभावित करते रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का। राजा भैया अवध के भदरी रियासत से संबंध रखते हैं। उनके पिता उदय प्रताप सिंह भदरी के महाराज हैं। राजनीति में आने वाले राजा भैया अपने परिवार के पहले सदस्य हैं। उन्होंने 24 वर्ष की आयु में ही अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।

लोकतंत्र में राजशाही स्‍टाइल का प्रत‍िन‍िध‍ित्‍व करने वाले राजा भैया भले ही आज उत्तर प्रदेश की राजनीत‍ि का एक प्रमुख चेहरा बन गए हों, लेक‍िन उनका राजनीत‍िक सफर इतना आसान नहीं रहा है। उनके प‍िता नहीं चाहते थे क‍ि वह राजनीत‍ि में आएं, लेक‍िन तकदीर को कुछ और ही मंजूर था। जब राजा भैया ने अपने पि‍ता से चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी तो उनके प‍िता ने गुरुजी से अनुमत‍ि लेने को कहा। फिर वहीं से शुरू हुआ राजा भैया का अजेय राजनीत‍िक सफर। आज वह उत्तर प्रदेश की राजनीत‍ि का प्रमुख चेहरा बन गए हैं।

प‍िता चाहते थे अनपढ़ रहे उनका बेटा : राजा भैया ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनके पिता उनकी एजुकेशन के खिलाफ थे। बकौल राजा भैया उनके पिता को लगता था कि वह पढ़ लिख लेंगे तो बुजदिल बन जाएंगे। तब उनकी मां ने पिता की मर्जी के खिलाफ चोरी से उनका दाखिला इलाहाबाद में करवा दिया। उन्‍होंने इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय से अपनी प्रारंभ‍ि‍क श‍िक्षा ली। इसके बाद उन्‍होंने कर्नल गंज इंटर कालेज इलाहाबाद में दाख‍िला ल‍िया। वहां से स्कूलिंग के बाद राजा भैया लखनऊ चले गए। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। बीए करने के बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ही वकालत की भी पढ़ाई की।