दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हुए प्रदर्शनकारी किसान

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  • प्रदर्शन स्थल जाने से किया इनकार

नईदिल्ली।(www.arya-tv.com) कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई है लेकिन सिंघु और टिकरी बॉर्डर प रइका  हुए किसानों ने बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में जाकर विरोध प्रदर्शन करने से इनकार कर दिया है। वहीं दिल्ली पुलिस लगातार किसान नेताओं के संपर्क में है। उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास कर रही है।

किसारों द्वारा जारी बैठक खत्म हो गई है और प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से हजारों किसान इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हैं। हम यहां से लौटकर अपने घर नहीं जाएंगे। हम यहीं डटे रहेंगे और अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। बैठक के बाद एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम दिल्ली से पंजाब जाने वाले मुख्य रास्ते पर ही प्रदर्शन करेंगे।

उधर, केन्द्र सरकार के कृषि बिलों का विरोध कर रहे पंजाब के 31 सबसे बड़े कृषि संगठनों के लोग गाडिय़ों से दिल्ली की ओर निकले हैं। गाडिय़ों का यह काफिला 40 किलोमीटर लंबा है। खाने-पीने की चीजों से भरे सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रेलर, बस, कार और मोटरसाइकिलों में ये किसान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) एकता-उग्रहन के हैं और वे जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी पहुंच जाएंगे।

वे पहले से नियोजित किए गए विरोध के लिए दिल्ली के टिकरी और सिंघु सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में शामिल होंगे। दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को प्रवेश की अनुमति देने के बाद इनके एक बड़े हिस्से को शुक्रवार देर रात बाहरी दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी समागम ग्राउंड तक पहुंचाया दिया गया था।

पुलिस के अनुमान के मुताबिक वामपंथी-झुकाव वाले संघ बीकेयू एकता-उग्रहन के युवाओं और महिलाओं समेत सभी प्रदर्शनकारियों की संख्या डेढ़ से दो लाख के बीच हो सकती है। इनमें से ज्यादातर लोग संगरूर, मनसा, बठिंडा और बरनाला जिलों से हैं। इसके साथ ही किसान संघर्ष समिति से जुड़े लाखों किसानों ने भी अमृतसर शहर से हरियाणा होते हुए दिल्ली की यात्रा शुरू कर दी है।

उनके आज दिल्ली पहुंचने की संभावना है। हरियाणा में प्रवेश करने के लिए शुक्रवार को बठिंडा-डबवाली रोड पर विशाल बोल्डर, कांटेदार बाड़ और मिट्टी के टीलों वाली रुकावट को हटाकर आंसू गैस और पानी की तेछ बौछार के साथ बीकेयू प्रदर्शनकारियों ने अपनी यात्रा शुरू की थी।

बाद में हरियाणा पुलिस ने सभी अवरोधों को हटा दिया और किसानों को शांतिपूर्ण ढंग से राज्य को पार करने की अनुमति दी। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र ने से आग्रह किया कि वे किसानों के साथ सख्ती न बरतें।

किसान संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अमृतसर, तरनतारन, बटाला और गुरदासपुर जिलों के किसान दिल्ली की ओर जा रहे हैं। किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म कर देंगे और वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।