प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक: मुख्यमंत्री

# ## Lucknow
  • भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया, हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं
  • प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाॅटर की स्वच्छता एवं निर्मलता तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ परियोजना, ‘हर घर नल’ योजना आदि योजनाएं लागू
  • उ0प्र0 जल के मामले में एक समृद्धिशाली राज्य
  • भू-जल एवं सरफेस वाॅटर के उचित नियोजन के लिए शासन-प्रशासन सहित स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाने की आवश्यकता
  • ‘नमामि गंगे’ परियोजना के प्रभावी संचालन से अब गंगा जी में जाजमऊ में जलीय जीव देखे जा सकते, वाराणसी में गंगा जी में डाल्फिन तैर रही, प्रयागराज कुम्भ-2019 में संगम में श्रद्धालुओं को गंगा जी का स्वच्छ, निर्मल और अविरल जल प्राप्त हुआ
  • प्रदेश में 15 से अधिक नदियों का पुनरुद्धार हुआ है, तमसा, आमी, मनोरमा, अरिल सहित कई नदियां पुनर्जीवित
  • प्लास्टिक के उत्पादों के स्थान पर मिट्टी के वैकल्पिक उत्पाद सुलभ कराने तथा कुम्हारी कला का कार्य कर रहे कारीगरों के कल्याण के लिए माटी कला बोर्ड का गठन किया गया
  • पिछले 03 वर्षाें में बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में जल की समस्या नहीं आने दी गयी
  • बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में जल संकट के स्थाई समाधान के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रु0 लागत की ‘हर घर नल’ योजना लागू
  • भू-जल एवं सरफेस वाॅटर के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष-2017 से लेकर अब तक निरन्तर प्रतिवर्ष वृक्षारोपण महाअभियान संचालित
  • मुख्यमंत्री ने ‘टाइम्स वाॅटर समिट-2020’ को सम्बोधित किया
  • प्रधानमंत्री द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय का गठन, उ0प्र0 जल शक्ति मंत्रालय गठित करने वाला पहला राज्य: जल शक्ति मंत्री
(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक है। जल को जीवन का प्रतिरूप माना जाता है। भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया है। शास्त्रों में जल की स्तुति के सन्दर्भाें की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल के संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाॅटर की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके लिए ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ परियोजना, ‘हर घर नल’ आदि योजनाएं लागू की गयी हैं।
मुख्यमंत्री  ‘टाइम्स वाॅटर समिट-2020’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाॅटर समिट के माध्यम से जल संकट एवं जल संरक्षण के सम्बन्ध में टाइम्स ग्रुप का जागरूकता अभियान सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि यह अभियान मानवता के साथ ही जीव सृष्टि के संरक्षण का कार्य है। राज्य सरकार अभियान को पूरा सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जल के मामले में एक समृद्धिशाली राज्य है। यहां ज्यादातर इलाकों में भू-जल के साथ ही सरफेस वाॅटर की भी पर्याप्त उपलब्धता है। इस उपलब्धता के उचित नियोजन के लिए शासन-प्रशासन सहित स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा पवित्र नदियों की अविरलता एवं निर्मलता हेतु ‘नमामि गंगे’ परियोजना प्रारम्भ की गयी। इसकी शुरुआत गंगा एवं इसकी सहायक नदियों की स्वच्छता, अविरलता, निर्मलता के अभियान से हुई, किन्तु यह भारत की नदी संस्कृति के पुनरुद्धार का नया कदम है। अभियान के फलस्वरूप प्रयागराज कुम्भ-2019 में संगम में श्रद्धालुओं को गंगा जी का स्वच्छ, निर्मल और अविरल जल प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कह कि राज्य सरकार ने व्यवस्था की है कि अप्रैल से जून माह तक गांव का कुम्हार, गांव के तालाब से निःशुल्क निकाल सकता है। इससे बारिश के दौरान जल संरक्षण के लिए तालाब तैयार हो जाते हैं। कुम्हारों को निःशुल्क मिट्टी के अतिरिक्त सोलर चाक, इलेक्ट्रिक चाक आदि व्यवस्थाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। परिणामस्वरूप लोगों को प्लास्टिक के उत्पादों के स्थान पर मिट्टी के सस्ते एवं पर्यावरणनुकूल उत्पाद प्राप्त हो रहे हैं। प्रदेश में इसी प्रकार के अनेक माॅडल स्थापित किए गए हैं। वाराणसी माॅडल में अप्रयुक्त हो गये हैण्डपम्पों का उपयोग जिला प्रशासन द्वारा वाॅटर रिचार्जिंग के लिए किया जा रहा है। चित्रकूट में जिला प्रशासन द्वारा विद्यालयों एवं सरकारी भवनों की छतों के वर्षा जल का रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से संरक्षण किया जा रहा है।
समिट को सम्बोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण, वाॅटर रिचार्ज, किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में अनेक बड़ी परियोजनाओं को पूरा किया गया है। इससे लगभग 03 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। अगले वर्ष 11 बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार द्वारा 05 वर्ष में लगभग 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नई जल नीति लागू की जाएगी। भू-जल मापन के लिए पीजो मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय गठित किया गया। उत्तर प्रदेश जल शक्ति मंत्रालय का गठन करने वाला पहला राज्य है।
समिट को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी ने कहा कि जल की स्वच्छता एवं उपलब्धता के लिए जन जागरूकता जरूरी है। इस दिशा में टाइम्स ग्रुप का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत साढे़ तीन वर्षाें में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण से ग्रीन कवर में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बाणसागर सहित अनेक बड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया गया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 10 हजार खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है। रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कृषि क्षेत्र में पर ड्राप, मोर क्राप योजना से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हुए हैं।
समिट में टाइम्स आॅफ इण्डिया के रेजीडेन्ट एडिटर प्रवीन कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के सुझाव व विचार टाइम्स ग्रुप के जल अभियान के लिए उपयोगी होंगे। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य जल के सम्बन्ध में जागरूकता के साथ ही जल सम्बन्धी समस्याओं के समाधान का प्रयास करना भी है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0  नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज  मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि  देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव सूचना एवं मुख्यमंत्री  संजय प्रसाद, सूचना निदेशक  शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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