BBAU में संत रविदास जयंती के अवसर पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

Lucknow

(www.arya-tv.com)बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  24 फरवरी को स्थायी आयोजन समिति एवं हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में संत रविदास जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने की। मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक प्रो० हरिशंकर मिश्र उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो० एस. विक्टर बाबू, स्थायी आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो० के. एल. महावर, भाषा एवं साहित्य विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो० सर्वेश सिंह, डॉ० प्रीति राय एवं डॉ० नमिता जैसल मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत बाबासाहेब एवं संत रविदास के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से माननीय कुलपति एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रो० सर्वेश सिंह ने सभी का स्वागत किया एवं कार्यक्रम की‌ रूपरेखा की जानकारी दी। इसके पश्चात हिन्दी विभाग के छात्रों द्वारा संत रविदास की रचनाओं पर आधारित गायन‌ प्रस्तुति दी गई। मंच संचालन का कार्य डॉ० नमिता जैसल द्वारा किया गया।

 कुलपति आचार्य संजय सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि संत रविदास का जीवन में कर्म, भक्ति और ज्ञान तीनों का‌ समावेश देखने को मिलता है। हम सभी मनुष्यों को उनके द्वारा दिए गए संदेशों से शिक्षा लेने की आवश्यकता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक प्रो० हरिशंकर मिश्र ने संत रविदास के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा, कि संत रविदास ने मनुष्य में अखंड ज्ञान के‌ प्रति जिज्ञासा के‌ भाव‌ को उजागर करने का कार्य किया‌। इसके अतिरिक्त उन्होंने समाज में जातिवाद के भेद को समाप्त करने का संदेश भी दिया।
डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो० एस० विक्टर बाबू ने चर्चा के दौरान कहा, कि संत रविदास ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी। साथ ही संत रविदास का मानना था कि ईश्वर के प्रति भक्ति एवं मन में श्रद्धा रखकर ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है।

डॉ० प्रीति राय ने कहा कि संत रविदास जैसे महान व्यक्तित्व का अनुसरण करके‌ बेहतर समाज की स्थापना की जा सकती है। संत रविदास हमें प्रेरणा देते हैं कि हम अपने कर्मों द्वारा समाज में केवल अलग पहचान बना सकते हैं क्योंकि कर्म के प्रति सच्चा समर्पण ही ईश्वर की भक्ति है।

इस अवसर पर माननीय कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के नवीन मुख्य द्वार का भूमि पूजन किया गया। यह मुख्य द्वारा  अटल बिहारी बाजपेयी ऑडिटोरियम एवं छात्र गतिविधि केंद्र के बीच में पू्र्व दिशा की ओर बनाया जायेगा। इसके अतिरिक्त व्याख्यान कक्ष परिसर का भी भूमि पूजन किया गया।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य प्रो० के. एल. महावर द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान डीएसडब्ल्यू प्रो० बी. एस. भदौरिया, प्रॉक्टर प्रो० संजय कुमार, वित्त अधिकारी डॉ० अजय कुमार मोहंती, प्रो० नवीन कुमार अरोरा, प्रो० शिल्पी वर्मा, प्रो० एम. एल. मीना, डॉ० ओ. पी. बी. शुक्ला,डॉ० रविशंकर वर्मा, डॉ०‌ मनोज डढवाल, सूफिया अहमद, डॉ० शिव शंकर यादव, शिक्षकगण व विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।