टैक्स चोरी रोकने के लिए चल रही GST में बदलाव की तैयारी

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(www.arya-tv.com) केंद्र सरकार का कहना है कि GST के स्लैब और ढांचे में बदलाव करना अतिआवश्यक है। जिसके तहत GST से मिलने वाली छूट कोई वस्तु या सेवा में लाए जाने की आशंका से टैक्स के दायरे में नहीं आएगी, लेकिन कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर कुछ नई वस्तुएं पर छूट दिया जा सकती हैं।

वित्त मंत्रालय ने टैक्स स्लैब और GST से छूट वाली वस्तुओं की समीक्षा करने, कर चोरी के स्रोत पहचानने और इनकम टैक्स के ढांचे में बदलाव का सुझाव देने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों की दो समितियां गठित की हैं। ये समितियां 2 महीने में रिपोर्ट सौंपेगी। GST में अभी 5 स्लैब 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं। इनमें से कुछ को मिलाकर 3 स्लैब बनाए जा सकते हैं। टैक्स की इन दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह इन्वर्टेड ड्यूटी ढांचे की समीक्षा करेगा।

पहली समिति
अध्यक्ष: बसवराज बोम्मई, मुख्यमंत्री, कर्नाटक
अन्य सदस्य: बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और अन्य।
काम: टैक्स आधार बढ़ाना और इनपुट टैक्स क्रेडिट एवं जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं एवं सेवाओं की समीक्षा।

दूसरी समिति
अध्यक्ष: अजीत पवार, उपमुख्यमंत्री, महाराष्ट्र
अन्य सदस्य: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तमिलनाडु के वित्त मंत्री पीटी राजन और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टीएस सिंह देव और अन्य।
काम: टैक्स चोरी के स्रोत पता लगाना और राजस्व में कमी रोकने के तरीकों के बारे में सुझाव देना।

अभी इन पर टैक्स छूट
सब्जियां, फल, शहद, अंडे, काजू जैसे सूखे मेवे, चाय-कॉफी, मसाले, अनाज, चीनी, गुड़, ब्रेड, पिज्जा, न्यूजप्रिंट, कच्चा सिल्क, खादी, खेतीa-बाड़ी से जुड़ी सेवाएं, शिक्षा से जुड़ी सेवाएं, मेडिकल सर्विसेस, आरबीआई की सेवाएं, न्यायिक सेवाएं आदि।