प्रयागराज।(www.arya-tv.com) विद्युत बिल में हेराफेरी कर करोड़ों का खेल किया गया है। इसमें शामिल जालसाजों के रैकेट शिकंजा कसा जाएगा। चिह्नित किए गए विभागीय कर्मचारियों, बिलिंग एजेंसी के आपरेटरों, सिंडीकेट के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज होगा ही, उनसे विभाग के पैसे की रिकवरी भी की जाएगी। इसके लिए आरसी जारी कराई जाएगी। इसे लेकर गड़बड़झाला करने वालों में हड़कंप मचा है। प्रयागराज जोन में विद्युत विभाग के बिल घोटाले की गूंज शासन तक पहुंच चुकी है। पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। शक्ति भवन से इस मामले में जांच तेज कर जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
मामले की जांच के लिए गठित की गई उच्च स्तरीय जांच कमेटी में मीरजापुर के अधीक्षण अभियंता को भी शामिल कर दिया गया है। अभी भदोही के अधीक्षण अभियंता और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक कार्यालय के लेखाधिकारी व दो अन्य अधिकारियों की कमेटी जांच कर रही थी। अब पांच उच्चाधिकारियों की कमेटी इस मामले की जांच करेगी।
जांच कमेटी शीघ्र प्रयागराज आएगी। कमेटी को यहां रुककर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में अब तक 30 से ज्यादा कर्मचारी, बिलिंग एजेंसी के आपरेटर और दलाल चिह्नित किए जा चुके हैं। हालांकि कुछ अफसरों के भी शामिल होने की आशंका है। हंडिया के 88 लाख रुपये और फूलपुर के दो करोड़ रुपये बिल की हेराफेरी में एक-एक कर्मचारी निलंबित किए जा चुके हैं। हालांकि हंडिया में 88 लाख रुपये विद्युत बिल हेराफेरी के मामले में उपभोक्ताओं से बिल जमा कराया जाने लगा है।
हंडिया के जो भी उपभोक्ता दलालों के झांसे में आए थे, वो अब अपने रुपये वापस पाने के लिए दलालों के घर तक पहुंचने लगे हैं। मुख्य अभियंता ओपी यादव का कहना है कि उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद रुपये की रिकवरी के लिए जिला प्रशासन से आरसी जारी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी कर्मचारी, कैशियर, आपरेटर व अधिकारी संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।