पुलिस रेडियो विभाग स्थापना दिवस समारोह

Lucknow
  • पुलिस बल के लिए तकनीक का बहुत महत्व, सूचना के आदान-प्रदान के साथ ही, महत्वपूर्ण जानकारी लेने, सटीक जानकारी को तत्समय सटीक स्थलों तक पहुंचाने में पुलिस दूरसंचार विभाग की बड़ी भूमिका: मुख्यमंत्री
  • प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन में बेहतरीन तालमेल से पुलिस रेडियो विभाग द्वारा उत्कृष्ट कोटि के कार्य किये गए
  • तकनीक का उपयोग करते हुए अपराध को नियन्त्रित किया जा सकता
  • आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस के माध्यम से बड़े से बड़े आयोजन को सफलता के साथ सम्पन्न किया जा सकता, प्रयागराज कुम्भ-2019 इसका उदाहरण
  • मुख्यमंत्री ने जे0सी0 बोस टेक्नोलाॅजी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि कोई भी सम्प्रभु सरकार और राष्ट्र सदैव यह ध्यान रखते हैं कि वे आधुनिक तकनीक और संसाधन में पिछड़ने न पायें। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस भी फोर्स के पास योग्य प्रशिक्षण, उपकरण और हथियार होते हैं, वह हमेशा विजेता रहता है। आज के समय में भी यह बात उतनी ही महत्वपूर्ण है। पुलिस बल पर आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी होती है। पुलिस बल के लिए तकनीक का बहुत महत्व है। सूचना के आदान-प्रदान के साथ ही, महत्वपूर्ण जानकारी लेने, सटीक जानकारी को तत्समय सटीक स्थलों तक पहुंचाने में पुलिस दूरसंचार विभाग की बड़ी भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री  उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय, लखनऊ में पुलिस रेडियो विभाग स्थापना दिवस समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने जे0सी0 बोस टेक्नोलाॅजी प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन किया। मुख्यमंत्री जी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सलामी दी गयी। कार्यक्रम में पुलिस रेडियो विभाग की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री  ने पुलिस रेडियो विभाग स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदली हैं। आज प्रदेश किसी पहचान का मोहताज नहीं है। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुम्भ का भव्य, सुव्यवस्थित और सुरक्षित आयोजन देश व दुनिया में कौतुहल और आश्चर्य का विषय बना था। इस आयोजन में पुलिस के कार्य करने के तरीके, पुलिस के व्यवहार तथा पुलिस द्वारा अपनायी गयी तकनीक के परिणाम को सभी ने देखा था। 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज कुम्भ-2019 के माध्यम से बदलते उत्तर प्रदेश को देखा। वे सभी उत्तर प्रदेश के प्रति एक अच्छा संदेश लेकर गए। इस आयोजन में बेहतरीन तालमेल से पुलिस रेडियो विभाग द्वारा उत्कृष्ट कोटि के कार्य किये गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश में पहली बार वर्ष 1938 में हरिद्वार कुम्भ के अवसर पर वायरलेस सेट का प्रयोग किया था। उस समय पुलिस ने टेलीकम्युनिकेशन के लिए तीन हाथियों का सहारा लिया था। वर्ष 1938 से यह यात्रा शुरू हुई। आगे चलकर रेडियो मुख्यालय की स्थापना हुई। वर्ष 2019 तक आते-आते हम हाथी से हैण्डसेट तक पहुंच गये। आज मोबाइल के माध्यम से प्रदेश में एक जगह बैठकर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। यह प्रगति यात्रा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सामने नई चुनौतियां हैं। वर्ष 2017 में हमारी सरकार के गठन के समय प्रदेश के दो जनपदों लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में ही साइबर थाने थे। आज प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थानों की स्थापना की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने समस्त 75 जनपदों में साइबर थानों की शीघ्र स्थापना के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों के लिए मास्टर ट्रेनर की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना भी हो जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र, पुलिस महानिदेशक  विजय कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना  संजय प्रसाद, स्पेशल डी0जी0 कानून व्यवस्था  प्रशान्त कुमार, डी0जी0 टेलिकाॅम  संजय एम0 तरडे, पुलिस रेडियो विभाग के निदेशक  सुनील कुमार सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तथा पुलिस रेडियो विभाग के कार्मिक उपस्थित थे।