काजल हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही आई सामने, जानें पूरी खबर

Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com) गोरखपुर जिले के गगहा इलाके में किशोरी की गोली मारकर हत्या कर देने की घटना यह साबित करती है कि पुलिस का अभियान व निगरानी सिर्फ कागजों में चल रही थी। थाना पुलिस अगर अफसरों की बात भी सुन ले तो कई घटनाएं रोकी जा सकती हैं।

भलुआन गांव में काजल की तमंचे से गोली मारकर हत्या करने के जिस मुख्य आरोपी विजय प्रजापति को पुलिस अब तक नहीं दबोच सकी है उसमें पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस अगर ऑपरेशन -15 या ऑपरेशन तमंचा के तहत की काम करती तो विजय पुलिस की गिरफ्त में होता है।

दरअसल, जिले में बदमाशों की निगरानी और अवैध असलहे के धर पकड़ के लिए अलग-अलग अभियान चल रहा है। ऑपरेशन 15 के तहत पंद्रह साल तक के अपराध में वांछित बदमाशों की वर्तमान स्थिति को जानने के साथ ही उनकी निगरानी करने का आदेश दिया गया था।

अगर पुलिस ने इस पर काम किया होता तो तीन साल पहले बैंक लूट के आरोपी विजय प्रजापति तक वह जरूर पहुंची थी और ऑपरेशन तमंचा के तहत भी इस दौरान जांच हुई होती। जांच में तमंचा मिल गया होता तो इस वारदात को कर पाना आसान नहीं होता।

जानकारी के मुताबिक, 20 अगस्त की रात रुपयों के लेनदेन के विवाद में आरोपी विजय प्रजापति अपने साथियों के साथ राजू नयन सिंह के घर पर धावा बोल दिया था। वहां पर विवाद होने पर उसने राजू नयन की पिटाई शुरू कर दी थी।

पिता की पिटाई होती देख काजल ने इसका विरोध करते हुए वीडियो बनाना शुरू कर दिया था। इसपर विजय ने काजल को दौड़ाकर तमंचे से उसे गोली मार दी थी। वारदात कर सभी आरोपी काजल का मोबाइल लेकर फरार हो गए थे। घायल काजल ने लखनऊ में इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया।