बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में पुलिस ने विवेचना मैं किया खेल, चार्जशीट पर उठे सवाल

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कानपुर।(www.arya-tv.com) बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में पुलिस ने विवेचना मैं खेल कर दिया है। बसपा नेता के भाई धर्मेंद्र सिंह ने यह आरोप लगाए हैं। चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल के अलावा महफूज अख्तर का नाम गलत तरीके से हटाया गया,जबकि महफूज के हत्या में शामिल होने के पुख्ता सुबूत थे।

धर्मेंद्र का दावा है कि सउद अख्तर के भाई महफूज की मोबाइल सीडीआर देखी थी, उसमें 5 मई को एहसान और फैसल के साथ सउद अख्तर से बातचीत हुई थी। हत्याकांड के लिए तनवीर बादशाह ने शूटर का इंतजार किया था उससे महफूज की लगातार बातचीत हुई थी। लेकिन पुलिस ने 5 कर्मचारियों के बयान को आधार मानते हुए महफूज का नाम हटा दिया। कर्मचारियों ने कहा था कि हत्याकांड के वक्त महफूज टेनरी में मौजूद था।

धर्मेंद्र के मुताबिक वीरेंद्र पाल का नाम एफआइआर में नहीं लिखवाया था। जांच में पुलिस ने उसका नाम जोड़ा। पुलिस से ही पता चला कि भाई पिंटू की कंपनी में वीरेंद्र ने सिपाही श्याम,सुशील मिश्रा के साथ मिलकर लाखों का घपला किया था। इसीलिए श्याम सुशील को आरोपी माना गया। लेकिन वीरेंद्र को क्लीन चिट दे दी। धर्मेंद्र ने मांग की कि जिन लोगों के नाम निकाले गए हैं उनके खिलाफ दोबारा जांच कराई जाए।

धर्मेंद्र का यह भी आरोप है कि पप्पू स्मार्ट और उसके दोनों भाइयों के संपर्क में चकेरी थाने के कई पुलिस वाले थे। सीडीआर निकाले जाने के वक्त यह बात सामने आई, लेकिन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई।