13 लाख में करें 51 दिन की लग्जरी क्रूज यात्रा:वाराणसी पहुंचा गंगा विलास

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(www.arya-tv.com) 18 दिन पहले कोलकाता से निकला गंगा विलास लग्जरी क्रूज आज वाराणसी पहुंच गया है। मौसम खराब होने की वजह से यह 3 दिन विलंब से काशी आया। क्रूज में फ्यूल भरने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद क्रूज रामनगर बंदरगाह से वाराणसी के संत रविदास घाट पर पहुंच सकता है। यहां पर उसके भव्य स्वागत की तैयारियां हो रही हैं।सोमवार को क्रूज चंदौली के धानापुर से दोपहर में निकला था और वाराणसी की सीमा में प्रवेश कर गया था। वहीं, शाम को वाराणसी के राजघाट से करीब 8 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। वहीं, रविवार को गाजीपुर में ही सभी 30 स्विस यात्रियों को क्रूज से उतारकर बनारस ले आया गया था। यहां पर उनका भव्य स्वागत हुआ था।

ये दुनिया की सबसे लंबी और महंगी यात्रा

दुनिया के सबसे लंबे और महंगे नदी जल यात्रा की शुरुआत 13 जनवरी को वाराणसी से हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 को लग्जरी क्रूज गंगा विलास को वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे। 51 दिनों तक एडवेंचरस सफर पर निकलने वाला यह क्रूज 15 दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा। इसके बाद असम के बह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा।

क्रूज पर 18 सुइट्स, स्पा रूम और 3 सनडेक
गंगा विलास क्रूज की लंबाई साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं। साथ में एक 40 सीटर रेस्टोरेंट, स्पा रूम और 3 सनडेक हैं। साथ में म्यूजिक का भी अरेंजमेंट है।

27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा क्रूज
यह क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। इसमें रास्ते में मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदिया पड़ेंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, वहीं, बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से आसाम में प्रवेश करेगा। भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे।

यहां जाने 18 सुइट्स का किराया
गंगा विलास क्रूज का संचालन अंतरा लग्जरी रिवर क्रूज सर्विस के द्वारा किया जाएगा। इस क्रूज पर कुल 18 सुइट्स हैं। इसे अगले दो साल के लिए स्विस पर्यटकों के लिए बुक किया गया है। एक सुइट 38-38 लाख रुपए में बुक किए गए हैं। यह किराया किसी एक पर्यटक ने नहीं, बल्कि कई पर्यटकों ने अलग-अलग डेस्टिनेशन के लिए रिजर्व किया है। 13 जनवरी को शुरू हो रहे दुनिया के सबसे लंबे नदी जलयात्रा में बनारस से डिब्रूगढ़ तक एक यात्री को 13 लाख रुपए चुकाने होंगे। 8 पेज के टिकट बुक पर लिखा है कि यह किराया US डॉलर या यूरो में ही मान्य होगा। वहीं, अलग-अलग ट्रेवेल स्लॉट के लिए किराया अलग-अलग है।